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पैराग्लाइडिंग साइट बंदला अभी तक उड़ानें भरने के लिए अधिसूचित नहीं हो पाई, स्थानीय लोगों को इससे हो रहा आर्थिक नुकसान

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पैराग्लाइडिंग साइट

विश्व की तीन बड़ी प्रमुख पैराग्लाइडिंग साइट में से एक बंदला अभी तक उड़ानें भरने के लिए अधिसूचित नहीं हो पाई है। स्थानीय लोगों को इससे आर्थिक नुकसान हो रहा है। लोगों के रोजगार पर इसका सीधा प्रभाव पड़ रहा है। यह साइट जनवरी में सभी प्रकार की गतिविधियों के लिए बंद हुई थी। इसके बाद से यह अधिसूचित नहीं हुई है। आसमान में एक्रो गतिविधियों के लिए बंदला पैराग्लाइडिंग साइट सबसे सुरक्षित मानी जाती है। इसी कारण देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों से लोग सिमुलेटेड इंसिडेंट इन फ्लाइट (एसआईवी) प्रशिक्षण के लिए यहां पहुंचते हैं। 20 से 25 दिन तक लोग यहां प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इस बार भी पैराग्लाइडिंग स्कूल यहां पर प्रशिक्षण करने के लिए संपर्क कर चुके हैं, लेकिन साइट अधिसूचित न होने से यह प्रशिक्षण यहां पर शुरू नहीं हुआ।

पैराग्लाइडिंग से यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है और कमाई का यह एक अच्छा साधन है। लोगों ने बाहर से आने वाले पर्यटकों और पैराग्लाइडर पायलटों के लिए होम स्टे बनाए हैं। पर्यटन विभाग की ओर से इसे नोटिफाई करने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया है। हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से इसके लिए पर्यटन विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। स्थानीय लोगों में पैराग्लाइडिंग सीख रहे संजीव ठाकुर (सन्नी), विक्रम चंद, अजय ठाकुर और पवन ठाकुर ने बताया कि इसके लिए कुछ दिन पहले वह उपायुक्त बिलासपुर से मिले और साइट को शीघ्र नोटिफाई करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि साइट नोटिफाई होने से जहां स्थानीय पायलटों को भी अभ्यास का मौका मिलेगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

इसके साथ ही एरो स्पोर्ट्स क्लब का गठन भी किया जा सकेगा। हवा में करतब दिखाते झील में लैंडिंग करते हैं मानव परिंदे एक्रो पैराग्लाइडिंग में पैराग्लाइडर आसमान में पैराग्लाइड के साथ कई तरह के करतब करते हैं। साइट से टेक ऑफ करने के बाद मानव परिंदे पानी की झील के ऊपर कई तरह की अठखेलियां करते हैं। एक्रो सिर्फ ऐसी जगहों पर होती है, जहां पर नीचे पानी हो। बंदला पैराग्लाइडिंग साइट की लैंडिंग गोविंद सागर झील के किनारे होती है। वहीं, झील होने के चलते यह साइट एक्रो के लिए सबसे बेहतर है। जिस वजह से यह विश्व की तीन एक्रो साइटों में शामिल हुई है। उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी गई हैं। संबंधित विभाग को इसके लिए रिमाइंडर भी भेजा गया है। साइट को अधिसूचित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

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