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एक साल में किया व्यवस्था परिवर्तन, 4 साल में हिमाचल को बनाएंगे आत्मनिर्भरः मुख्यमंत्री

वर्तमान राज्य सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर जिला कांगड़ा के धर्मशाला में आयोजित ‘व्यवस्था परिवर्तन का एक साल’ राज्य स्तरीय समारोह के अवसर पर एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आम लोगों की सरकार है, जिसमें महिलाओं, युवाओं, किसानों और कर्मचारियों सहित हर वर्ग को सम्मान मिल रहा है।

इस अवसर पर उन्होंने लाहौल-स्पिति जिला की 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को जनवरी माह से 1500 रुपए की राशि देने की घोषणा की और कहा कि सरकार निकट भविष्य में सभी महिलाओं के साथ किया गया वादा निभाएगी। जिन महिलाओं को अभी 1100 रुपए पेंशन के रूप में मिलते हैं, उन्हें भी अगले वर्ष से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अगले वित्त वर्ष से विधवा महिलाओं के बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन करने की घोषणा भी की। उन्होंने दूध का खरीद मूल्य 6 रुपए बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार जनवरी, 2024 से गोबर खरीद योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि यह फैसला किसानों की समृद्धि की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के दृष्टिगत अनेक महत्वपूर्ण फैसले ले रही है। पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में जेओए (आईटी) की भर्ती रुकी रही, लेकिन हमारी सरकार ने इसकी बेहतर ढंग से पैरवी की और सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार के हक में फैसला आया। उन्होंने कहा कि जल्द ही पोस्ट कोड 817 व 939 का रिजल्ट भी घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी कुछ माह में वर्तमान राज्य सरकार सरकारी क्षेत्र में 20 हजार रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, जिनमें वन मित्र भर्ती, पटवारी भर्ती, मल्टीटास्क वर्कर, पुलिस व शिक्षक भर्ती इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में भी इतनी नौकरियां नहीं दी गई।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में अनेक फैसले ले रही है। राजस्व बढ़ोतरी के लिए कई उपाय किए गए हैं और शराब ठेकों की नीलामी से सरकार का राजस्व 500 करोड़ रुपए बढ़ा है। इस एक वर्ष में आत्मनिर्भर हिमाचल की नींव रखी गई है तथा वर्ष 2027 तक हिमाचल आत्मनिर्भर और वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्धतम राज्य बनेगा।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनके परिवार का कोई सदस्य राजनीति में नहीं था, लेकिन 40 वर्ष की तपस्या को देखते हुए पार्टी हाईकमान ने मुझे प्रदेश की सेवा का मौका दिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद रुटीन कार्य करने के बजाए उन्होंने अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना अपना लक्ष्य बनाया। उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष में आम और खास के बीच का फासला कम करने के लिए कई कदम उठाए गए। आने वाले वर्ष में सरकार की योजनाएं आम आदमी, किसानों और युवाओं से जुड़ी होंगी।
उन्होंने कहा कि एक वर्ष में तीन गारंटियां पूरी कर दी गई हैं। बिना किसी राजनीतिक लाभ को देखते हुए पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन लागू की ताकि कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके। साथ ही 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण के तहत ई-टैक्सी योजना शुरू की गई है। जिसके तहत ई-टैक्सी की खरीद के लिए युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है तथा उन्हें निश्चित आय भी सुनिश्चित की जाएगी। अगले सत्र से सभी सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार संवेदनशील सरकार है, जो जनता की भावना को बेहतर ढंग से समझती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में कर्मचारी चयन आयोग में पेपर बिकते रहे। भ्रष्टाचार रोकने और युवाओं केे हितों के साथ हो रहे खिलवाड़ को देखते हुए इसे भंग करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने चुनाव जीतने की नीयत से अपने अंतिम वर्ष में 14 हजार करोड़ का भारी-भरकम कर्ज लिया, जिसका खामियाजा वर्तमान कांग्रेस सरकार को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बदहाल आर्थिक स्थिति पर उप-मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कमेटी बनाकर श्वेत-पत्र लाया गया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया। उनके कल्याण के लिए देश का पहला कानून बनाया और मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की शुरुआत की, जिसके तहत 27 वर्ष की आयु तक उनकी देखभाल, उच्च शिक्षा तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार उचित सहायता देगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इसी वर्ष राज्य ने इतिहास की सबसे बड़ी आपदा का सामना किया। इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए सरकार विधानसभा में संकल्प लेकर आई, लेकिन भाजपा वहां भी प्रभावितों के साथ खड़ी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से अभी तक कोई विशेष पैकेज प्राप्त नहीं हुआ है, इसके बावजूद अपने सीमित संसाधनों से राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज घोषित किया, ताकि प्रभावितों को उचित सहायता प्रदान की जा सके। उनको बिजली, पानी के फ्री कनेक्शन के साथ-साथ निःशुल्क गैस सिलेंडर और गृह निर्माण के लिए 280 रुपए की दर से सीमेंट बोरी प्रदान कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में किराए के लिए 5000 रुपए तथा शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपए किराए के रूप में दे रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसदों ने भी केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष हिमाचल प्रदेश के हितों की पैरवी नहीं की, जो प्रदेश के लोगों के प्रति उनके उदासीन रवैये को दर्शाता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्तमान प्रदेश सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों पर आधारित सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा तैयार एक कॉफी टेबल बुक, 365 दिन 365 फैसले पुस्तिका, ई-बुक तथा पत्रिका का विमोचन भी किया गया। यह सामग्री विभाग की अधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध करवाई गई है।

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