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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के लहसुन ने दी दस्तक

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के लहसुन ने दस्तक दे दी है। देशभर में अपनी अलग पहचान के लिए मशहूर सिरमौरी लहसुन वीरवार को दिल्ली की आजादपुर मंडी में 160 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिका। ए ग्रेड लहसुन को दिल्ली की इस मंडी में बीते दिन 135 और 148 रुपये दाम मिले। शुरुआती दौर में ही किसानों को इस प्रमुख व्यावसायिक फसल के अच्छे दाम मिल रहे हैं। बकि, पिछले साल किसानों को 70 से 80 रुपये तक प्रति किलो दाम मिलने से मायूसी हाथ लगी थी। इस साल लहसुन ने शुरुआती दौर में ही लंबी छलांग लगाई है।अभी सिरमौर के शिलाई और कफोटा बेल्ट से लहसुन दिल्ली की मंडी पहुंच रहा है।

इस समय जिले में फसल तकरीबन तैयार है। कई जगह किसानों ने खोदाई का काम शुरू कर दिया है। कई जगह आढ़ती भी खेतों से ही फसल उठाने के लिए किसानों से संपर्क करने में जुटे हैं। हाईब्रीड लहसुन की दक्षिणी भारत में सबसे ज्यादा मांग जिले में उगाए जाने वाले हाईब्रीड लहसुन की दक्षिणी भारत में सबसे ज्यादा मांग है। तमिलनाडु के बडूगा पट्टी और कोच्ची जैसी बड़ी मंडियों में यह काफी मात्रा में बिकता है। वहीं, नेपाल और थाइलैंड को भी प्रदेश का लहसुन निर्यात होता है। सिरमौर में 4,000 हेक्टेयर भूमि में लहसुन की पैदावार हो रही है। यह प्रदेश में सबसे ज्यादा है। इस बार 60,000 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि दिल्ली की मंडी में किसानों को लहसुन के अच्छे दाम मिल रहे हैं।

अभी शिलाई क्षेत्र की फसल मंडियों में पहुंच रही है। जल्द संगड़ाह, पच्छाद व जिले के अन्य हिस्सों से भी फसल मंडियों में पहुंचेगी। ये जिले की प्रमुख व्यावसायिक फसल है। इस तरीके से होती है ग्रेडिंग लहसुन की ग्रेडिंग हाथों के साथ अब मशीनों से भी हो रही है। ग्रेडिंग में ट्रिपल ए को सुपर लहसुन का नाम दिया गया है। जबकि, इससे नीचे की ग्रेडिंग में ए वन यानी डबल ए, फिर मीडियम और गोली सबसे निचले स्तर का लहसुन है। क्या कहते हैं किसान कफोटा के किसान संदीप कुमार ने बताया कि 10 मई को दिल्ली की आजादपुर मंडी में उनकी फसल 135 रुपये के हिसाब से बिकी। कफोटा क्षेत्र से नेचुरल फार्मिंग से तैयार 16 क्विंटल फसल दिल्ली भेजी गई थी, जिसमें किसान अजय की फसल 135 और डाबरा के चतर सिंह को फसल के 148 रुपये प्रतिकिलो दाम मिले। वीरवार को टिंबी के उदयराम को दिल्ली में फसल के 160 रुपये दाम मिले।

अच्छे दाम मिलने पर किसान हरा लहसुन पहुंचा रहे मंडी

वहीं, सब्जी मंडी सोलन में लहसुन की पहली खेप गुरुवार को पहुंची। पहले दिन करीब चार क्विंटल लहसुन मंडी में पहुंचा। अभी स्थानीय क्षेत्र चायल और बसाल से लहसुन की खेप पहुंची। आने वाले दिनों में जिला सोलन समेत सिरमौर से भी लहसुन पहुंचना शुरू हो जाएगा। वहीं किसानों को भी ग्रेड के हिसाब से लहसुन 60 से 100 रुपये प्रति किलो तक के दाम मिले। लहसुन के अच्छे दाम मिलने के बाद किसानों ने हरा लहसुन ही मंडी में पहुंचाना शुरू कर दिया है। वहीं, अब बाहरी राज्यों से व्यापारी आना शुरू हो गए हैं। सोलन का लहसुन देश ही नहीं, विदेशों में भी भेजा जाता है।

यहां के लहसुन की दक्षिण भारत की मंडियों में भारी मांग है। केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु के अलावा उत्तर-पूर्व के राज्य त्रिपुरा व सिक्किम भी पिछले वर्ष सोलन से लहसुन की खरीदारी कर चुके हैं। वहीं, जिला सोलन में पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार 580 हेक्टेयर क्षेत्र में लहसुन की रोपाई की गई है। पिछले वर्ष 500 हेक्टेयर क्षेत्र में ही खेती की गई थी। बारिश के चलते लहसुन को मंडी पहुंचने में बीस दिन से अधिक का समय लग गया है। इस बार लहसुन अच्छी गुणवत्ता वाला है। सोलन के बसाल, धरोट, पाट्टी, शलूमना, जौणाजी, भोजनगर, देवठी, कंडाघाट समेत अन्य क्षेत्रों में लहसुन को निकालने का कार्य शुरू कर दिया है। किसान ग्रेड करके लाएं लहसुन मंडी समिति सोलन के सचिव रविंद्र शर्मा ने बताया कि मंडी में स्थानीय लहसुन की खेप पहुंचना शुरू हो गई है। किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वह ग्रेड कर उत्पाद को मंडी में लाएं, ताकि उन्हें अच्छे दाम मिल सकें।

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