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मेडिकल कॉलेज टांडा में रैगिंग प्रकारण: दोषी प्रशिक्षु डॉक्टरों को मिली सजा

मेडिकल कॉलेज टांडा

मेडिकल कॉलेज टांडा में रैगिंग प्रकारण में दोषी प्रशिक्षु डॉक्टरों को सजा मिलने के बाद जहां जूनियर विद्यार्थियों को राहत मिली है तो ये एक्शन सीनियर विद्यार्थियों को एक सबक मिला है। कॉलेज प्रबंधन ने दो टूक कहा है कि रैगिंग का कोई भी साक्ष्य मिलने पर आगे से कड़ी कारवाई की जाएगी। उन्होंने कॉलेज के विद्याथिर्यों को नसीहत देते हुए कहा कि रैगिंग की कोई भी छोटी या बड़ी घटना पर सख्त कारवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा काम न करें जिससे उनका भविष्य बिगड़े। बताते चलें कि इसी कॉलेज के एक मासूम छात्र की जान तक 14 साल पहले रैगिंग प्रकरण में जा चुकी है। रैगिंग के कारण जहां माता-पिता का इकलौता बेटा हमेशा के लिए खो गया तो वहीं देश व प्रदेश में इस जघन्य प्रकरण के प्रति में लोगों का गुस्सा सामने आया था।

वहीं हाल ही में अब टीएमसी में एमबीबीएस के आठ सीनियर प्रशिक्षु डाक्टरों ने नए बैच के प्रशिक्षु डाक्टरों की रैगिंग कर डाली। बताया जा रहा है कि सीनियरों ने जूनियर प्रशिक्षुओं को कुछ असाइनमेंट दी थीं, जिन्हें करने से इन्होंने मना कर दिया। इसके बाद सीनियर प्रशिक्षु डाक्टरों ने जूनियरों के कपड़े उतरवा दिए और उनकी रैगिंग की।

गत रविवार के इस मामले की परत तब खुली जब रूटीन चैकिंग के दौरान प्रबंधन को सीनियर छात्रों की असाइनमेंट बुक्स जूनियर्स के हॉस्टल में मिली। वहीं डराए जाने के कारण जूनियर सहम गए, लेकिन दो प्रशिक्षु डाक्टरों ने हिम्मत जुटाकर टांडा मेडिकल कालेज प्रशासन व प्रधानाचार्य कार्यालय में शिकायत दर्ज कर दी।

प्रशासन ने तुरंत एंटी रैगिंग कमेटी में इस मामले को रखा तथा रैगिंग करने वाले एमबीबीएस बैच 2020 व 2022 के आठ प्रशिक्षु डाक्टरों पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाया और उन्हें तीन महीनों के लिए क्लासेज से निष्कासित करने के साथ- साथ छह महीनों के लिए होस्टल से भी निष्कासित कर दिया। 50 हजार की जुर्माना राशि को सात दिनों के भीतर जमा करने के आदेश दिए गए हैं

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