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एनपीए बंद करने के विरोध में पेन डाउन हड़ताल की अवधि को हिमाचल चिकित्सक संघ संयुक्त संघर्ष समिति ने आधा करने का लिया फैसला 

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एनपीए बंद करने

नॉन प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) बंद करने के विरोध में सोमवार से शुरू हुई डेढ़ घंटे की पेन डाउन हड़ताल की अवधि को हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ संयुक्त संघर्ष समिति ने आधा करने का फैसला लिया है। यह निर्णय संघर्ष समिति के सदस्यों की मुख्यमंत्री के आह्वान पर कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान के साथ 30 मई की शाम को हुई वार्ता के बाद लिया गया। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ संयुक्त संघर्ष समिति की बुधवार सुबह एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सर्वसम्मति से पेन डाउन हड़ताल की अवधि को आधा करने का निर्णय लिया। मंत्री ने संघर्ष समिति को आश्वासन दिया है कि उनकी वार्ता मुख्यमंत्री से 3 जून को की जाएगी। समिति आगामी रणनीति वार्ता के बाद बनाएगी। बैठक में प्रदेश के सभी चिकित्सक वर्ग की मांगों को रखा।

समिति की ये मांगें

संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार से आग्रह किया है कि हाल ही में निकाली गई अधिसूचनाओं को तत्काल वापस लेना/संशोधन करने हेतु शीघ्र कार्रवाई की जाए। समिति के अनुसार चिकित्सकों के पास बहुत कम प्रमोशनल पद हैं जिसके लिए उन्हें टाइम स्केल 4-9-14 दिया जाता रहा है। लेकिन इस वेतन आयोग की अधिसूचना में चिकित्सकों का 4-9-14 टाइम स्केल भी बंद कर दिया गया है। कई सालों से हमारे मेडिकल ऑफिसर बीएमओ पद पर पदोन्नति के लिए इंतजार कर रहे हैं। लेकिन कई सालों से कोई भी नियमित पदोन्नति विभाग में नहीं की गई है। ऐसे में टाइम स्केल चिकित्सकों के लिए आशा की किरण बनी रहती है। इसलिए चिकित्सकों के टाइम स्केल 4-9-14 को जारी रखा जाना चाहिए।

डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम के तहत राजकीय मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी एवं सीनियर रेसिडेंट्स / ट्यूटर स्पेशलिस्ट के पदों को एक निरंतर प्रक्रिया के तहत भरा जाए ताकि योग्य उम्मीदवारों को लंबा इंतजार न करना पड़े। सहायक प्रोफेसर के पद पर ही सीधी भर्ती हो। उसके बाद केवल पदोन्नति सह प्राध्यापक एवं प्राध्यापक के पद भरे जाएं। संघ ने मांग है कि सहायक प्राध्यापक से प्राध्यापक की पदोन्नति डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम के तहत की जाए। एक निर्धारित समयकाल के बाद पदोन्नति सुनिश्चित की जाए। इससे चिकित्सकों का मनोबल बढ़ेगा और उन्हें पलायन नहीं करना पड़ेगा।

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