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सोशल मीडिया से नकली नोट बनाने सीखे थे मंडी के वकील ने, शिमला और आसपास के इलाकों में चलाए भी

शिमला। हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने शिमला और आसपास के एरिया में भी नकली नोट चलाए हैं। नकली नोट मामले में संजौली से गिरफ्तार किया गया युवक एडवोकेट है। पुलिस की पूछताछ में नकली नोट छापने के मामले में कई अहम खुलासे हुए हैं। हरियाणा पुलिस की सीआईए की टीम ने शनिवार को स्थानीय पुलिस के सहयोग से संजौली में छापा मारकर एडवोकेट नवनीत और उसके साथी विकास को गिरफ्तार किया। मामले से जुड़े तीसरे आरोपी उत्तर प्रदेश के बीएएमएस पवन को कैथल से गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपियों को अदालत में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया है। अब तक पुलिस इस मामले में पांच आरोपियों को काबू कर चुकी है। एडवोकेट नवनीत ने हाल ही में लॉ की पढ़ाई पूरी की है।

बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले तक मंडी अदालत में प्रैक्टिस करता था, लेकिन सिर पर कर्जा होने के कारण उसने वकालत छोड़ दी। शॉटकट के माध्यम से पैसा कमाने की सोची और लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद लग्जरी लाइफ जीने के लिए युवा एडवोकेट अपराध की दुनिया में उतरा। झूठ बोल कर शिमला में किराए का मकान लिया। इसके बाद उसने सोशल मीडिया के माध्यम से बने दोस्त विकास के साथ मिलकर लाखों के नकली नोट छापे। काफी रुपए शिमला और आसपास के एरिया में चलाए, शिमला पर्यटन स्थल है और यहां पर देश के सभी हिस्से से लोग घूमने आते हैं, तो आसानी से नकली नोट खपा दिए।

इसका खुलासा सीआईए टीम द्वारा पकड़े आरोपी हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के मुंडखर गांव निवासी एडवोकेट नवनीत ने पूछताछ में किया। सोशल मीडिया के जरिए नॉर्थ दिल्ली के बुराड़ी एरिया के रहने वाले विकास से संपर्क हुआ। विकास ने उसे नकली करेंसी दिखाई और नवनीत समालखा पहुंचा और वहां पर दोनों की दोस्ती हो गई।

विकास ने कहा कि यहां पर काम नहीं है। नवनीत ने कहा कि शिमला पर्यटन स्थल है, बहुत सारे सैलानी पूरे भारत से यहां आते हैं। नकली करेंसी का धंधा आसानी से चल जाएगा। पहाड़ी एरिया होने के कारण पुलिस का कोई डर नहीं है। कुछ दिनों बाद नवनीत दोबारा से समालखा आया। जहां पर अभय, रविकांत और विकास नकली करेंसी तैयार कर रहे थे। उसने विकास को कहा कि मैं तुम्हें अच्छा कमीशन दूंगा, शिमला चल कर करेंसी छापते हैं। मैंने वहां पर दो कमरे किराए पर लिए हैं।

मकान मालिक को बताया कि वह विद्यार्थी है और लॉ की तैयारी कर रहा है। इसके बाद विकास के साथ मिलकर नकली करंसी बनाने के लिए बाजार से लैपटॉप, इंकटेंक प्रिंटर, ब्लैक प्रिंटर रेजर, पेपर शीट खरीदी। इसके बाद दोनों ने नकली करंसी बनानी शुरू की। कुछ करेंसी आरोपियों ने शिमला और आसपास के एरिया में चलाई।

सोशल मीडिया से सीखा करंसी बनाने की प्रक्रिया
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि विकास पहले समालखा में आरोपी अभय के साथ नकली करेंसी छापने का काम करता था। उसके बाद वह शिमला चला गया। वहां पर नवनीत के साथ मिलकर नकली करेंसी छापनी शुरू की। विकास को छह महीने लगे हू-ब-हू करेंसी छापने में, जो नकली करंसी बरामद हुई है। उसे देख कर लगता नहीं कि ये नकली नोट हैं। आरोपी विकास ने सोशल मीडिया के माध्यम से नकली करेंसी बनानी सीखी।

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