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कांग्रेस की प्रतिमाह 300 यूनिट मुफ्त बिजली की गारंटी नहीं हुई पूरी, बिजली की दरों में 22 से 46 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी

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कांग्रेस की प्रतिमाह 

हिमाचल प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का करंट लग गया है। प्रदेश में शनिवार से बिजली की दरों में 22 से 46 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ोतरी हो गई है। व्यावसायिक और औद्याेगिक उपभोक्ताओं को मिल रही 20 पैसे प्रति यूनिट की सब्सिडी सुक्खू सरकार ने बंद कर दी है। घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट से अधिक खपत पर 22 पैसे और अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 46 पैसे ज्यादा चुकाने होंगे।

प्रदेश में वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए 12 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली की दरें बढ़ाई गईं हैं। शुक्रवार को राज्य विद्युत विनियामक आयोग की ओर से जारी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिजली दरें शनिवार से लागू होंगी। आयोग की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि बिजली बोर्ड को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 6,595 करोड़ के राजस्व की जरूरत है। इसके लिए बोर्ड को अधिकतम 5.82 रुपये प्रति यूनिट का दाम दिया गया है।

आयोग की ओर से फिक्स और डिमांड शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की है। औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए दरें 26 पैसे प्रति यूनिट की दर से बढ़ाईं हैं। उद्योगपतियों की डिमांड शुल्क घटाने की मांग को पूरा करते हुए आयोग ने पांच फीसदी घटा दिया है। अब डिमांड शुल्क के हिसाब से 85 फीसदी शुल्क ही लिया जाएगा। आयोग ने प्री पेड बिजली मीटर का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को राहत देते हुए एनर्जी शुल्क में तीन फीसदी की छूट देने का फैसला लिया है।

प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए नए उद्योग स्थापित करने वालों और पुराने उद्योगों का विस्तार करने वाले उद्योगपतियों को 15 फीसदी की छूट बरकरार रखने का फैसला लिया है। उधर, प्रदेश के स्थानीय निकायों में पीने का पानी 10 फीसदी महंगा कर दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश में 1 अप्रैल से परिवहन निगम की 112 पुरानी बसों का संचालन बंद कर दिया जाएगा।

कांग्रेस की प्रतिमाह 300 यूनिट मुफ्त बिजली की गारंटी नहीं हुई पूरी

विस चुनाव के दौरान कांग्रेस की घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली देने की गारंटी पूरी नहीं हो पाई। आयोग ने बिजली दरों में इस गारंटी का जिक्र नहीं किया।

वाटर सेस की एवज में मिलेगी सब्सिडी : आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिजली परियोजनाओं पर लगने वाले वाटर सेस का बोझ प्रदेश के उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। सरकार ने परियोजनाओं पर लगे सेस से बोर्ड को मिलने वाली महंगी बिजली पर सब्सिडी देने का फैसला लिया है। आयोग के अनुसार वाटर सेस लगने से बिजली दरों में प्रति यूनिट 1.20 से 1.30 रुपये दाम बढ़ सकते हैं।

 

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