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संसाधनों की कमी के कारण उच्च और व्यवसायिक शिक्षा ग्रहण करने में असमर्थ विद्यार्थियों का सपना प्रदेश सरकार करेगी पूरा 

चार सालों में पूरी होंगी गारंटियां
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संसाधनों की कमी 

संसाधनों की कमी के कारण उच्च और व्यवसायिक शिक्षा ग्रहण करने में असमर्थ विद्यार्थियों का सपना प्रदेश सरकार पूरा करेगी। इसके लिए सरकार ने महत्वकांक्षी ‘मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना’ शुरू की है। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2023-24 में गरीब विद्यार्थियों को एक प्रतिशत की ब्याज दर पर शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने इस योजना के तहत 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसके अंतर्गत 3 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को एक प्रतिशत की ब्याज दर पर वित्तीय संस्थानों या बैंकों के माध्यम से शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना के तहत सहभागी वित्तीय संस्थानों और बैंकों से विद्यार्थी यह ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इससे उन्हें ट्यूशन फीस, आवास, किताबें एवं शिक्षा से जुड़े अन्य संबद्ध खर्च वहन करने में सहायता मिलेगी। इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, पीएचडी, आईटीआई के पाठ्यक्रम, पॉलिटेक्निक, बी-फार्मेसी, नर्सिंग, जनरल नर्सिंग और मिडवाइफरी (जीएनएम) सहित कई व्यवसायिक पाठ्यक्रम इस योजना में शामिल होंगे। योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वित्तीय संसाधनों के अभाव में राज्य में कोई भी गरीब बच्चा उच्च और व्यवसायिक शिक्षा से वंचित न रहे।

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