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ऑटोमेटिड फॉल्ट डिटेक्शन एंड डिडक्शन की मदद से भवनों में हीटिंग और एसी वेंटिलेशन को रख सकेंगे संतुलित

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ऑटोमेटिड फॉल्ट डिटेक्शन

भवनों में स्थापित हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) सिस्टम में आई खराबी का तुरंत पता लग पाएगा। एफडीडी (यानी ऑटोमेटिड फॉल्ट डिटेक्शन एंड डिडक्शन) की मदद से भवनों में हीटिंग और एसी वेंटिलेशन को संतुलित रख सकेंगे। अगर इसमें कोई खराबी आती है तो यह इन खराबियों का तुंरत पता लगाएगा। इससे सामान्य ताप रहने से बिजली की बर्बादी भी रोकी जा सकेगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के शोधकर्ताओं की एक टीम ने फ्रांस की डी लोरेन यूनिवर्सिटी के एक वैज्ञानिक के साथ मिलकर नए एल्गोरिदम को विकसित किया है। यह परिचालन संबंधी खराबियों का पता लगा लेता है। इस शोध के परिणाम जर्नल ऑफ बिल्डिंग परफॉरमेंस सिमुलेशन के एक पेपर में प्रकाशित किए गए हैं।

इसको स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तुषार जैन और उनकी शोधार्थी डॉ. मोना सुब्रमण्यम, आईआईटी मंडी एवं फ्रांस की लोरेन यूनिवर्सिटी के डॉ. जोसेफ जे. यामे के सहयोग से तैयार किया गया है। भवनों में रहने वाले लोगों के लिए अंदर का वातावरण आरामदायक बनाए रखने के लिए हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) सिस्टम अत्यंत आवश्यक हैं। वेरिएबल एयर वॉल्यूम (वीएवी) टर्मिनल बॉक्स वाला एचवीएसी सिस्टम इमारत के अंदर लोगों के लिए सुविधाजनक वातावरण बनाए रखता है। यह बिजली की बचत करने वाला समाधान भी देता है। इस तरह काम करता है एफडीडी सिस्टम एफडीडी बिल्डिंग ऑटोमेशन सिस्टम (बीएएस) या बिल्डिंग एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम (बीईएमएस) के साथ एकीकृत हो जाता है। यह प्रणाली कर्मचारियों को संभावित समस्याओं की पहचान करने, उसका रखरखाव और भविष्यवाणी करने में मदद करती है। साथ ही सिस्टम की खराबी से होने वाले प्रभाव का विश्लेषण भी करती है।

बीएएस के लिए उनके महत्व को भी बताती है और जल्दी सीधे मरम्मत करती है। यह सुनिश्चित करने का प्रयास करती है कि सिस्टम हमेशा उपलब्ध रहे। शोधकर्ताओं ने इस तरह किया प्रयोग आईआईटी मंडी के डॉ. तुषार जैन ने कहा कि उन्होंने इस सॉफ्टवेयर का उपयोग तीन जोन के साथ एक मंजिला इमारत पर किया है। यह दिखाने का प्रयास किया है कि नवीन विकसित एल्गोरिदम सिस्टम कितनी अच्छी तरह काम करता है। इसमें दो अलग-अलग परिदृश्यों में चार अलग-अलग सिंगल और मल्टीपल वीएवी डैंपर फॉल्ट का परीक्षण किया गया। आईआईटी मंडी के एल्गोरिदम को किसी अतिरिक्त हार्डवेयर इंस्टालेशन के बिना मौजूदा बीएएस, बीईएमएस के साथ रेट्रोफिट किया जा सकता है। एल्गोरिदम बाहरी मौसम की स्थिति और इमारत में रहने वालों की संख्या जैसी अनिश्चितताओं से निपटने के लिए काफी मजबूत सिस्टम है। एल्गोरिदम जब एचवीएसी ऑटोमेशन सिस्टम में जोड़ा जाता है तो यह इमारतों बिजली की बचत को बढ़ा सकता है। लोगों के आराम को भी बढ़ा सकता है।

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