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बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का रंगारंग आगाज, भारतीय खिलाड़ी दिखायेंगे दम

बर्मिंघम- ब्रिटेन की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और समावेशिता के अद्भुत प्रदर्शन के साथ यहां 22वें राष्ट्रमंडल खेलों की रंगारंग शुरुआत हो गयी जिसमें खिलाड़ी अब एक दूसरे से स्वयं को अव्वल साबित करने की कोशिश करेंगे। ड्रम वादक अब्राहम पैडी टेटेह ने ‘राफ्टर्स’ से भरे अलेक्जेंडर स्टेडियम में उद्घाटन समारोह की शुरुआत की। इसके बाद भारतीय शास्त्रीय गायक और संगीतकार रंजना घटक ने कार्यक्रम की अगुवाई की। राष्ट्रमंडल खेल पहले ऐसे बड़े स्तर के खेल हैं जिन्हें कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद विभिन्न प्रतिबंधों के बिना आयोजित किया जा रहा है। इस बीच लाल, सफेद और नीले रंग की 70 कारों ने मिलकर ब्रिटेन का ध्वज ‘यूनियन जैक’ बनाया। यहां तक ​​कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रिंस चार्ल्स भी ‘डचेस ऑफ कॉर्नवाल’ के साथ अपनी एस्टन मार्टिन कार में पहुंचे। शहर के मोटर उद्योग इतिहास को बताने के लिए कारों को इस तरह से पेश किया गया। बर्मिंघम की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने के बाद महान विदूषक चार्ली चैपलिन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस महान हास्य अभिनेता को शहर के नायक के रूप में पेश किया गया। असल में लंदन से लेकर बर्मिंघम तक उनका जन्म स्थान चर्चा का विषय रहा है। महान लेखक विलियम शेक्सपियर का भी जिक्र किया गया। प्रसारक ने ‘शेक्सपियर फर्स्ट फोलियो’ के बारे में चर्चा की जो कि बर्मिंघम में नया पुस्तकालय है। यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा सार्वजनिक पुस्तकालय है। औद्योगिक क्रांति को दर्शाने के लिए एक उग्र सांड का सहारा लिया गया जिसने इस रंगारंग समारोह में सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। खेलों का शुभंकर ‘पेरी द बुल’ है।
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के अध्यक्ष लुई मार्टिन ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘हमारे 72 सदस्य यहां हैं और बर्मिंघम शानदार दिखता है। मुझे विश्वास है कि यह आयोजन हमारे 92 साल के इतिहास में राष्ट्रमंडल खेलों के सबसे शानदार और महत्वपूर्ण संस्करणों में से एक होगा।” इसके बाद भागीदार राष्ट्रों की परेड शुरू हुई। राष्ट्रमंडल खेलों की परंपरा के अनुसार पिछली बार के खेलों का मेजबान आस्ट्रेलिया परेड में सबसे पहले आया और उसके बाद ओसेनिया क्षेत्र के अन्य देश आये। इसके बाद अन्य देशों ने अपने क्षेत्र की वर्णमाला के अनुसार स्टेडियम में प्रवेश किया। ऑस्ट्रेलिया के बाद अफ्रीका, अमेरिका, एशिया और कैरेबियाई क्षेत्र के देश स्टेडियम में आए। जब 2010 के खेलों के मेजबान भारत का नंबर आया तो लोगों ने तालियां बजाकर करतल ध्वनि के साथ खिलाड़ियों का स्वागत किया। ओलंपिक में दो बार की पदक विजेता पीवी सिंधू और पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह भारतीय टीम का नेतृत्व कर रहे थे। परंपरा के अनुसार मेजबान इंग्लैंड ने अंतिम राष्ट्र के रूप में स्टेडियम में प्रवेश किया। जब इंग्लैंड की टीम स्टेडियम में पहुंची तो ‘‘वी विल, वी विल रॉक यू ” गीत बज रहा था। इसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों का ध्वज फहराया गया और फिर सीजीएफ के अध्यक्ष मार्टिन ने अपना भाषण दिया। आखिर में ‘प्रिंस ऑफ वेल्स’ ने खेलों की शुरुआत करने के लिये महारानी के संदेश को पढ़ा। ब्रिटिश ओलंपिक चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों की तैराकी में 4 स्वर्ण पदक जीतने वाले टॉम डेली समलैंगिक ध्वजवाहकों के दल के साथ क्वीन्स बैटन मशाल को अलेक्जेंडर स्टेडियम में लेकर आए। डेली समलैंगिकता के समर्थक हैं। ढाई घंटे तक चले इस रंगारंग समारोह का आकर्षण दुरान दुरान बैंड भी रहा जिससे कार्यक्रम का समापन भी हुआ। ‘ब्लैक सब्बाथ’ और ‘सिटी ऑफ़ बर्मिंघम सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा’ के प्रसिद्ध संगीतकार टोनी इओमी ने भी दिलकश कार्यक्रम पेश किया, जबकि ‘रिबल वैली’ के प्रतिभाशाली युवा गायक सामंथा ऑक्सबोरो ने ब्रिटिश राष्ट्रगान ‘गॉड सेव द क्वीन’ गाया। ग्रैमी पुरस्कार विजेता गिटारवादक इयोमी और सैक्सोफोनिस्ट सोवेटो किंच ने भी दर्शकों मोहित किया। इसके बाद लगभग 2000 से अधिक कलाकारों ने शहर के समृद्ध अतीत और वर्तमान का प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े 72 देशों के बीच आपसी संबंधों का भी प्रदर्शन किया। लंदन ओलंपिक 2012 के बाद यह खेल ब्रिटेन के सबसे बड़े और खर्चीले खेल बनने जा रहे हैं। लंदन ओलंपिक खेलों के ठीक 10 साल बाद इनका आयोजन किया जा रहा है। उद्घाटन समारोह के साथ ही 11 दिन तक चलने वाले खेलों की शुरुआत भी हो गई जिसमें 72 देशों के 5000 से अधिक खिलाड़ी 15 स्थलों पर 19 खेलों की 280 स्पर्धाओं में अपनी चुनौती पेश करेंगे।

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