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हमीरपुर के करीब 85 सरकारी स्कूलों के पास अपनी जमीन नहीं, वन भूमि और दान में मिली निजी मलकीयत भूमि पर चल रहे स्कूल

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हमीरपुर के करीब 

जिला हमीरपुर के करीब 85 राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं के पास अपनी जमीन नहीं है। यह स्कूल या तो वन भूमि या फिर दान में मिली निजी मलकीयत भूमि पर चल रहे हैं। इनमें से कई स्कूलों के भवन जर्जर हो चुके हैं। ऐसे में जब भी यहां से शिक्षा निदेशालय शिमला को खस्ताहाल स्कूल भवनों की मरम्मत, नए भवनों के निर्माण या अतिरिक्त कमरों के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा जाता है, खारिज हो जाता है। जिला मुख्यालय स्थिति हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी हमीरपुर में स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में भी पर्याप्त कमरे नहीं है। स्कूल में महज तीन कमरे हैं और इनमें प्री-नर्सरी से लेकर पांचवी कक्षाओं के 125 विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

तीन कमरों में से एक कमरे में मिड-डे मील बनता है, जबकि शेष दो कमरों में छह कक्षाएं चल रही हैं। स्टाफ के लिए भी कमरा नहीं है। दो कक्षाएं दो कमरों में लगाई जाती हैं, तो चार कक्षाओं के बच्चों को बरामदे पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। विद्यार्थियों के खेलने के लिए खेल मैदान तो दूर की बात स्कूल में सुरक्षा के लिए चहारदीवारी तक नहीं है। स्कूल मैदान की की जमीन को हाउसिंग बोर्ड ने अपने कब्जे में ले लिया है। शिक्षा विभाग के नाम जमीन न होने से सरकार से भवन निर्माण के लिए बजट नहीं मिल पा रहा। पर्याप्त कमरों के अभाव में गर्मी के मौसम में कई स्कूलों के बरामदे और बाहर खुले में कक्षाएं चल रही हैं। इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। साथ ही स्कूल स्टाफ को भी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।

शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव हो रहे खारिज शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रस्ताव के साथ ही जमीन का पर्चा साथ लगाने की बात कही जाती है। मगर अपने नाम जमीन न होने से कई स्कूलों के नए भवनों का निर्माण कार्य लटका हुआ है। जिन स्कूलों के लिए दशकों पूर्व जमीन दान में मिली हुई थी, वह भी शिक्षा विभाग के नाम नहीं हो सकी है। ऐसे में अब दानी परिवार की अगली पीढ़ी के सदस्य स्कूल से जमीन वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। जिला हमीरपुर में शिक्षा उपनिदेशक प्रारंभिक का हाल ही में कार्यभार संभाला है। सूचना मिली है कि जिले के कई स्कूलों के पास अपनी जमीन नहीं है। इस बारे में जल्द ही प्रदेश सरकार और शिक्षा निदेशालय को अवगत करवाया जाएगा, ताकि स्कूल के लिए जमीन की व्यवस्था की जा सके। -अशोक कुमार, उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर

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