गोबर से बनाई मूर्तियां
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के तुंगल क्षेत्र की साई पंचायत के चलोह गांव के युवक करण ने गाय के गोबर से नया स्टार्टअप शुरू किया है। करण गाय के गोबर से मूर्तियां, शोपीस, नाम पट्टिका, चप्पलें, टाइलें तथा ईंटें बना रहे हैं। गाय के गोबर से बनाई चीजों को प्रदेशभर में पसंद किया जा रहा है। अब उनकी मांग देश के दूसरे राज्यों में भी बढ़ने लगी है। हिमाचल सरकार जहां किसानों से गाय के गोबर को दो रुपये प्रति किलो खरीदने का बात कर रही है, वहीं करण आसपास के गांव के किसानों से पांच रुपये किलो की दर से गोबर खरीदते हैं।
इससे ग्रामीणों को भी स्टार्टअप का लाभ मिल रहा है। करण ने बताया कि फिलहाल उन्होंने अपने गांव में श्री कामधेनु पंचगव्य उद्योग के नाम से छोटी इकाई स्थापित की है। यहां तैयार उत्पादों को वह डीआरडीए और खंड विकास कार्यालयों की मदद से सरस मेलों तथा दूसरे आयोजनों में प्रदर्शित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गाय के गोबर से उत्पादन करने वाला प्रदेश का यह पहला स्टार्टअप उद्योग है।
तेलंगाना से मिला प्रदर्शनी का न्योता
करण ने बताया कि पंद्रह मार्च को तेलंगाना के हैदराबाद में गोबर से बनी चीजों की प्रदर्शनी लगाने के लिए उनको आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि इस अनूठे स्टार्टअप की प्रेरणा करण को रोहतक की एक इंडस्ट्री वैदिक प्लास्टर से मिली थी। यहां गाय के गोबर से सीमेंट का उत्पादन किया जा रहा था।
सरकार मदद करे तो सैकड़ों युवाओं को मिलेगा स्वरोजगार
करण ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि न तो भाजपा और न ही वर्तमान सरकार ने उनके उद्योग की ओर ध्यान दिया है। जबकि वह पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के नाम की भव्य पट्टिका बनाकर उन्हें भेंट कर चुके हैं। उन्होंने कहा यदि सरकार उनकी मदद मिलती है तो वे उद्योग आने वाले समय में बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने में एक क्रांतिकारी कदम होगा। फिलहाल उनकी ग्रामीण इकाई में 10 से 15 महिलाएं काम कर आजीविका कमा रही हैं। उनका दावा है यदि सरकार मदद करती है तो यहां बड़ा उद्योग स्थापित किया जा सकता है जहां स्थानीय किसानों के साथ सैकड़ों बेरोजगार हाथों काम मिलेगा।