शिव मंदिर बैजनाथ के साथ लगते इतिहासिक खीरगंगा में अब घाट का निर्माण हो गया है। हालांकि काम अभी चल रहा है और घाट का कुछ काम होना बाकी है। लेकिन अब खीरगंगा के साथ बिनवा नदी के किनारे सीढ़ियां बन जाने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को काफी राहत मिली है। शिव मंदिर बैजनाथ के साथ लगते इस घाट में लोग पवित्र स्नान के लिए आते हैं। इसके अलावा यहां काफी संख्या में लोग अपने मृत परिजनों की अस्थियां विसर्जित करने के लिए भी पहुंचते हैं। पहले यहां पर अस्थियां विसर्जन के लिए उचित स्थान नहीं था। लोगों को पत्थरों में ही बैठकर क्रिया कर्म करना पड़ता था।
लेकिन अब सीढ़ियां बन जाने से और बाल आदि काटने के लिए अलग व्यवस्था हो गई है। इसे अब लोग आसानी से बिनवा नदी के किनारे पहुंच सकते हैं। यही खीरगंगा में महिलाओं के स्नान के लिए भी अलग से प्रावधान किया जा रहा है। जो शैड पहले बने थे वह टूट चुके हैं। अब यहां नए शैड का निर्माण किया जा रहा है। बैजनाथ के विधायक मुल्ख राज प्रेमी ने बताया कि खीरगंगा का सौंदर्य करण उनकी प्राथमिकताओं में से एक है। यहां काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। उनको पूरी सुविधा उपलब्ध हो सके इसका प्रावधान किया जा रहा है। घाट बनाने का काम चल रहा है। उधर मंदिर के पुजारी सुरेंद्र आचार्य ने बताया की खीर गंगा घाट का काफी महत्व है। जो लोग हरिद्वार नहीं जा पाते हैं उनके लिए खीर गंगा ही हरिद्वार तुल्य है। यहां सावन महीने में स्नान का विशेष महत्व है। शिवरात्रि व निर्जला एकादशी पर यहां स्नान होता है। इसके अलावा काफी संख्या में लोग यहां अस्थियां विसर्जित करने के लिए भी आते हैं।