दिव्यांगों को पदोन्नति में चार प्रतिशत आरक्षण न देने के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए कांगड़ा सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक (केसीसीबी) में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर पदोन्नति आदेश पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश एए सईद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने भारत भूषण की याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।
याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी दिव्यांग है और अनुसूचित जाति से संबंध रखता है। उसकी दिव्यांगता 80 प्रतिशत आंकी गई है। प्रार्थी ने कोर्ट को यह बताया कि उसे मैनेजर के पद पर पदोन्नति का लाभ नहीं दिया जा रहा है, जबकि राइट आफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट 2016 के मुताबिक वह चार प्रतिशत आरक्षण के तहत पदोन्नति लेने का अधिकार रखता है।
प्रार्थी की ओर से राइट आफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट 2016 की धारा 33 व 34 का हवाला हाईकोर्ट के समक्ष दिया गया। हाईकोर्ट ने प्रथमदृष्टया प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताई है। कोर्ट ने कांगड़ा सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक को आदेश दिया कि कोर्ट की अनुमति के बिना वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर कोई भी पदोन्नति आदेश जारी न हो। कोर्ट ने उक्त मामले में प्रदेश सरकार व कांगड़ा सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक से तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।