जनता के सवाल
एयरपोर्ट के विस्तार में कितने भवन आएंगे
इन भवनों का कितना मुआवजा मिलेगा
किस स्तर पर कितना मुआवजा दिया जाएगा
दायरे में आने वाले भवन कब हटेंगे
दीवार बनने के बाद आसपास के इलाके
कैसे कनेक्ट होंगे
मोनिका शर्मा, गगल
पिछले 15 साल से विस्तारीकरण चर्चाओं से विकास में पिछड़ रहा गगल एक बार फिर शंकाओं के घेरे में है। इस बार गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की परियोजना को स्टडी करने के लिए पुणे से केन्द्रीय जल और विद्युत अनुसंधान शाला (सीडब्ल्यूपीआरएस) की टीम पहुंची है।
बेशक पुणे से आई टीम यह परख रही है कि एयरपोर्ट के विस्तार में मांझी खड्ड पर कैसे सेतु डाला जाए। यह भी देखा जा रहा है कि रनवे ब्रिज बनने के बाद खनन, तटीकरण और सिंचाई योजनाओं पर आगामी समय में कैसा रुख रहेगा, लेकिन इस टीम के दौरे के बीच गगल के लोगों में कई सवाल उठ रहे हैं। लोगों के सवाल बिलकुल सीधे और दोटूक हैं।
एयरपोर्ट के विस्तार में कितने भवन आएंगे। लोगों को कितना मुआवजा मिलेगा। ये भवन कब हटाए जाएंगे। एयरपोर्ट की दीवार लगने के बाद आसपास के इलाके कैसे कनेक्ट होंगे। ये तमाम सवाल हैं, जिनका लोगों को डेढ़ दशक से जवाब नहीं मिल पा रहा है। प्रमुख खबर आज तक ने गगल के स्थानीय प्रबुद्ध लोगों एवं कारोबारियों से बात की , तो दिल का दर्द जुबां पर आ गया।
व्यापार मंडल प्रधान देवेंद्र कोहली कहते हैं कि प्रशासन को इस बारे में जल्द फैसला लेना चाहिए। लोगों के सवालों का जवाब मिलना चाहिए। दायरे से लेकर मुआवजे तक की सीधी बात होनी चाहिए। लोगों का सब्र जवाब देने लगा है।
लोगों की मनोदशा पर असर : विकुल ठाकुर
विकुल ठाकुर कहते हैं कि डेढ़ दशक से न तो गगल के लोग नए मकान बना पा रहे हैं और न ही नई इन्वेस्टमेंट हो पा रही है। गगल लगातार पिछड़ता जा रहा है। प्रशासन को एयरपोर्ट विस्तारीकरण पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। इस इलाके में विकास भी थम सा गया है।
मुआवजा कब मिलेगा- सुरेंद्र कुमार
सुरेंद्र कहते हैं कि प्रशासन को बताना चाहिए कि किस भवन का कितना मुआवजा मिलेगा। कितने भवन दायरे में आ रहे हैं। लोगों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए। जिनका व्यवसाय ठप होगा, उनके लिए भी योजना सार्वजनिक होनी चाहिए। विस्थापितों की रिहायश का इंतजाम होना चहिए।
रोड का क्या होगा : अरविंद पठानिया
अरविंद पठानिया का सवाल है कि क्या एयरपोर्ट विस्तार के बाद गग्गल पठानकोट-मंडी हाईवे बंद हो जाएगा। गग्गल-धर्मशाला सडक़ का क्या होगा। आखिर क्यों प्रशासन इन बातों का जवाब नहीं देता है।