आर्थिक तंगी
1400 करोड़ की आर्थिक तंगी से जूझ रहे हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) को 1500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए माली संकट खड़ा गया है। एक-एक करोड़ की ई-बसों को खरीदने के बाद निगम के कारोबार में कोई ज्यादा वृद्धि नहीं होगी। ऐसी स्थिति में निगम प्रबंधन महंगी बसों को खरीदकर कोई वित्तीय जोखिम नहीं उठाना चाहता है।
हिमाचल पथ निगम प्रबंधन कर्ज लेकर डीजल बसों के बदले नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के पक्ष में नहीं है। डीजल बसों की अपेक्षा दोगुनी कीमत अदा करके इलेक्ट्रिक बसों खरीदने से कतरा रहा है। प्रबंधन 1500 इलेक्ट्रिक बस को ऋण लेकर अपने बेड़े में जुटा भी लेता हैं तो निगम की आय में ज्यादा वृद्धि नहीं होगी।
डीजल बसों को बराबर क्षमता में ही ई बसों में सवारियां यात्रा कर पाएंगी। पथ परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि प्रबंधन अपनी डीजल बसों के फ्लीट के बदले निजी क्षेत्र की भागीदारी से वैट लीजिंग ई-बसें खरीदकर रूट में चलाने के पक्ष में है। वैट लीजिंग में ई बसें खरीदने से निगम पर वित्तीय बोझ से बचा जा सकेगा। वैट लीजिंग की ई-बसें खरीदने के लिए निजी क्षेत्र को ही बैंकों से ऋण लेना होगा। यह मामला निगम प्रबंधन ने सरकार के समक्ष भी रख दिया है ताकि इस मामले पर अगला कदम उठाया जा सके।