खेल नगरी धर्मशाला में कई साल से चल रहे साई हास्टल और अब सेंटर फार एक्सीलेंस में अब प्रदेश में एथलीट एवं धावक प्रशिक्षण नहीं ले पाएंगे। खेल मंत्रालय व सेंटर फार एक्सीलेंस के निदेशालय ने धर्मशाला सेंटर में आवासीय एथलेटिक्स खेल को बंद कर दिया है। अब प्रदेश के एथलीटों को अगर राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण हासिल करना है तो उन्हें पटियाला सेंटर फार एक्सीलेंस में जाना पड़ेगा।
जानकारी के मुताबिक धर्मशाला में कई सालों से धावकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। यहां से प्रशिक्षण हासिल करके कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर के धावक बन चुके हैं। धर्मशाला छात्रावास से प्रशिक्षण लेकर अंतरराष्ट्रीय धावक बनने वालों में जिला चंबा के रेटा गांव की सीमा कुमारी मुख्य रूप से शामिल है। जिसने जूनियर इंटरनेशनल में भारत को पदक भी दिलाया था। इस वक्त सीमा भोपाल में प्रशिक्षण हासिल कर रही हैं। इसके अलावा हरमिलन कौर और जिला चंबा की ही कनीजो भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनी हैं।
वहीं अगर राष्ट्रीय स्तर की बात की जाए तो इस सेंटर में प्रशिक्षण हासिल करके करीब 10 राष्ट्रीय धावक भी बने हैं। अब धर्मशाला को सेंटर फार एक्सीलेंस बनाया है तो यहां मुख्य रूप से कबड्डी और वालीबाल खेल के खिलाड़ियों को रखा जा रहा है। आवासीय एथलेटिक्स बंद कर दी है। खेल मंत्रालय की ओर से निर्धारित किया गया है कि अब यहां केवल प्रशिक्षण केंद्र होगा। जिसमें पंजीकरण करवाकर खिलाड़ियों को सुबह शाम दो वक्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण लेने वाले धावकों को खाने पीने और रहने का प्रबंधन अपने स्तर पर ही करना होगा। इसमें अभी तय किया गया है कि केवल चार ही खिलाड़ियों को पंजीकृत किया जाएगा, जो कम से कम राष्ट्रीय स्तर पर मेडल प्राप्त हों।
जिला एथलेटिक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम चौधरी का कहना है धर्मशाला सेंटर से एथलेटिक्स बंद करना बहुत गलत निर्णय है। भारत में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय धावक धर्मशाला में अभ्यास करने को आते हैं, उन्हें अधिक ऊंचाई वाले ट्रेक पर अभ्यास कर अपना प्रदर्शन सुधारने का अवसर मिलता है। यहां एथलेटिक्स सेंटर होने से प्रदेश की खिलाड़ियों को अपने ही राज्य में अभ्यास का अवसर मिल जाता था और हुनर को मंच भी मिल रहा था। सरकार को इस फैलने पर विचार करना चाहिए।
सेंटर फार एक्सीलेंस धर्मशाला के प्रभारी नटराज का कहना है धर्मशाला सेंटर में एथलेटिक्स को हटाने का निर्णय हमारे चंडीगढ़ निदेशालय से लिया गया है। आवासीय छात्रावास बंद कर दिया है, लेकिन यह तय किया गया है कि अपने खर्च पर चार राष्ट्रीय मेडल प्राप्त धावक प्रशिक्षण हासिल कर सकते हैं।