सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीसीसीआइ पदाधिकारी इस सप्ताह ही बैठकर आगे की रणनीति बना सकते हैं। बीसीसीआइ पदाधिकारी ने कहा कि अभी फैसला आया है। उसे बढ़ने के बाद इस सप्ताह बैठक बुलाई जा सकती है जिसमें वार्षिक आम सभा और चुनाव की तारीख पर निर्णय लिया जाएगा।
जब पदाधिकारी से पूछा गया कि जो लोग अभी पद पर बने हैं तो क्या वे ही आगे भी बने रहें तो उन्होंने कहा कि जब तक नामांकन नहीं हो जाते तब तक आप कुछ नहीं कह सकते। पांचों के पांचों पदाधिकारी बने रहेंगे इस पर शक है। कुछ तो परिवर्तन होंगे ही। मालूम हो कि इस समय सौरव गांगुली बीसीसीआइ अध्यक्ष, जय शाह सचिव, राजीव शुक्ला उपाध्यक्ष, अरुण सिंह धूमल कोषाध्यक्ष और जयेश जार्ज संयुक्त सचिव हैं।
सु्प्रीम कोर्ट के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर 70 वर्ष की अधिकतम उम्र सीमा को हटाने के बाद अब पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन भी चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। श्रीनिवासन 70 साल से ज्यादा की उम्र के हैं और इसी कारण बीसीसीआइ उन्हें चाहकर भी आइसीसी में नहीं भेज सकता था। यह श्रीनिवासन ही थे जिन्होंने अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आइसीसी की बोर्ड बैठकों में भारत को मजबूत बनाया था। श्रीनिवासन ने बिग-थ्री (भारत, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड) को आइसीसी राजस्व का हिस्सा मिलने का दमदार पक्ष रखा था, लेकिन उनके पद छोड़ने के बाद यह वास्तव में आकार नहीं ले सका।
बीसीसीआइ की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ”एक पदाधिकारी के लिए अपनी योजना को लागू करने के लिए तीन वर्ष कम होते हैं और इसलिए कार्य के उचित निष्पादन के लिए लगातार दो कार्यकाल दिए जाने की आवश्यकता है।” – पीठ ने कहा कि हमारा विचार है कि प्रस्तावित संशोधनों को स्वीकार किया जाना चाहिए। इस पर मेहता ने कहा कि सभी संशोधन क्रिकेट बोर्ड को स्वीकार्य हैं।
दोषी ठहराए जाने पर पदाधिकारी अयोग्य घोषित होगा- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि बीसीसीआइ या राज्य क्रिकेट संघ का कोई पदाधिकारी अगर किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है या उसे जेल की सजा सुनाई जाती है तो वह अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।