इस बारे में राज्य के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पत्रकारों से हुई बातचीत में भरोसा दिया है कि इस समस्या पर प्रशासन की पैनी नज़र है.
उन्होंने बताया है कि एहतियातन कई घरों को खाली कराया गया है.
उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना को जानने के लिए विशेषज्ञों की टीम को वहां भेजा गया है. उन्होंने लोगों से वैज्ञानिकों की सलाह पर भरोसा करने की अपील की है.
इससे पहले शुक्रवार को डोडा के एसडीएम अतहर अमीन ज़रगर के हवाले से एएनआई ने बताया था, “दिसंबर में एक घर में दरार आने की सूचना मिली थी. कल तक छह इमारतों में दरारें आईं थीं, लेकिन अब ये दरारें बढ़ रही हैं.”
उन्होंने कहा, “ये इलाक़ा अब नीचे धंस रहा है, इसका बचना मुश्किल है. सरकार की कोशिश इसे यहीं रोक देने की है.”
उन्होंने बताया था कि डोडा ज़िले के डीएम ने भूगर्भ विज्ञान के निदेशक से बातचीत की है और उन्होंने भी इन हालात और इसके कारणों को समझने के लिए एक टीम का गठन किया है.
एएनआई से बातचीत में कई स्थानीय निवासियों ने इस हालात पर चिंता जताई है.
इन लोगों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें रहने के लिए कोई सुरक्षित जगह दी जाए.
हालांकि कइयों ने उम्मीद जताई है कि सरकार इस समस्या से निपटने के लिए उचित क़दम उठाएगी.