असिस्टेंट प्रोफेसर ललन कुमार छात्रों को बिना पढ़ाए सैलरी लेने से मना करने की चर्चा के साथ सुर्खियों में आ गए थे. बताया गया था कि उन्होंने यह कहकर 23 लाख की सैलरी लौटा दी, क्योंकि उन्होंने बच्चों को पढ़ाया नहीं था. अब प्रोफेसर अपने बयान से पलट गए हैं.
उनका कहना है कि ट्रांसफर न होने से दुखी होकर नाराजगी में ऐसा बयान दिया था. कॉलेज में छात्रों की अनुपस्थिति की बात भी गलत है. हैरानी कि बात यह है कि 23 लाख का चेक काटने वाले ललन कुमार के बैंक अकाउंट में एक हजार से भी कम बैलेंस है.