सहायता मॉड्यूल
काँगड़ा जिला प्रशासन ने सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से शासन व्यवस्था को अधिक पारदर्शी तथा प्रक्रियाओं को सरल व सुगम बनाने की अपनी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए एक और नई पहल की है। इसके तहत डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने शुक्रवार को धर्मशाला में ‘सहायता मॉड्यूल’ का शुभारंभ किया। जिला एनआईसी टीम द्वारा अंतर विभागीय उपयोग के लिए तैयार ये मॉड्यूल मंदिरों से गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता में दोहराव की समस्या के समाधान में सहायक होगा।
उपायुक्त ने कहा कि कांगड़ा जिले में स्थित बड़े मंदिरों के माध्यम से गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता उपायुक्त कार्यालय, मंदिर अधिकारी कार्यालय और सहायक आयुक्त मंदिर एवं एसडीएम कार्यालय के माध्यम से दी जाती है। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों को यह सहायता दी जा सके। इसमें डुप्लीकेसी न हो, और एक ही मामले में अलग अलग कार्यालयों से बार बार सहायता आवेदनों के मामले न आएं। इस व्यवस्था को बनाने के लिए यह वित्तीय सहायता माड्यूल तैयार किया गया है।
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि इस मॉड्यूल में जिले में आवेदकों को मंदिरों से प्रदान की गई वित्तीय सहायता का पूरा ब्योरा अपलोड किया जाएगा, जिससे कोई भी नया आवेदन आने पर पूर्व प्राप्त सहायता को लेकर आधार कार्ड नंबर से डाटा चेक करने की सुविधा होगी । इससे संबंधित कार्यालय में जानकारी रहेगी कि आवेदक को पहले इसमें सहायता दी जा चुकी है अथवा नहीं। इस प्रणाली से आर्थिक सहायता प्रदान करने में दोहराव की समस्या का स्थाई समाधान होगा और एक व्यवस्थित रिकॉर्ड भी मेंटेन होगा।
आईटी नवाचार में देशभर में सराही गई हैं कांगड़ा जिला प्रशासन की पहलें
बता दें, कांगड़ा जिला प्रशासन द्वारा लोगों को सुगम सेवाएं देने के ध्येय से जिले में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के सदुपयोग और लोक उपयोगी ऐप्स बनाने की पहलों को देशभर में सराहना मिलती रही है। जिला को हिमाचल विधानसभा निर्वाचन 2022 में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभिनव पहल और बेहतरीन उपयोग कर कांगड़ा जिले में चुनाव व्यय निगरानी के डिजिटलीकरण के लिए एप्लिकेशन ई-कैच विकसित करने पर राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इस पहल की नवीनता और दक्षता के कारण इसे आईटी क्षेत्र में पूरे भारत में सर्वश्रेष्ठ चुनावी पहल घोषित भी किया गया था।
वहीं पहले भी अपना कांगड़ा ऐप, पौंग डैम विस्थापितों के मामलों की देखरेख को बनाई अंतर विभागीय ऐप सहित अन्य उपयोगी ऐप्स विकसित की गई हैं, जो प्रक्रियागत सरलीकरण में सहायक रही हैं। आगे इस दिशा में और बल दिया जा रहा है। इस मौके अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर, जिला सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारी भूपेंद्र पाठक, एनआईसी निदेशक अक्षय मेहता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।