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हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से बारिश बर्फबारी का दौर शुरु होने वाला है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम बिगड़ने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश में 14 से 18 अक्तूबर तक पांच दिनों तक बारिश-बर्फबारी की संभावना है। 16 अक्तूबर को सात जिलों में भारी बारिश-बर्फबारी की संभावना जताई गई है।
विभाग के अनुसार 14 अक्तूबर से हिमाचल प्रदेश के निचले और मध्य पहाड़ी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश शुरू होने की संभावना है। 15 और 16 अक्तूबर के दौरान राज्य में बारिश की गतिविधि में वृद्धि होगी। इस दौरान चंबा, कुल्लू, कांगड़ा, मंडी, शिमला और लाहौल-स्पीति जिले में भारी बारिश की संभावना है।
न्यूनतम तापमान
शिमला में न्यूनतम तापमान, 13.0, सुंदरनगर 12.2, भुंतर 11.3, कल्पा 6.4, धर्मशाला 15.4, ऊना 14.7, नाहन 17.1, केलांग 3.9, पालमपुर 12.0, सोलन 10.5, मनाली 8.7, कांगड़ा 15.7, मंडी 13.2, बिलासपुर 17.0, चंबा 14.7, डलहौजी 14.0, जुब्बड़हट्टी 14.1, कुफरी 13.0, कुकुमसेरी 2.8, नारकंडा 9.9, रिकांगपिओ 9.6, धौलाकुआं 16.0, बरठीं 16.2, मशोबरा 12.9, पांवटा साहिब 20.0, सराहन 10.5 और देहरागोपीपुर में 19.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
अधिकतम तापमान
ऊना में अधिकतम तापमान 32.6, बिलासपुर 32.0, कांगड़ा 30.4, धर्मशाला 29.0, नाहन 29.9, भुंतर 30.5, सोलन 28.0, मंडी 27.5, सुंदरनगर 31.2, धौलाकुआं 31.3, चंबा 29.7, कल्पा 21.8, शिमला 23.5, मनाली 22.5 व जुब्बड़हट्टी में 25.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
वहीं, लाहौल-स्पीति, किन्नौर जिले सहित चंबा, शिमला, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा के उच्च पर्वतीय भागों में हल्की से मध्यम बर्फबारी होने की संभावना है। 17 अक्तूबर से राज्य में बारिश की गतिविधि में कमी आने की संभावना है। 19 अक्तूबर से सभी भागों में मौसम साफ रहने की संभावना है। वहीं, राज्य में अगले 2 से 3 दिनों तक औसत अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की कमी आने के आसार हैं।
मौसम विज्ञान के अनुसार भारी बारिश की स्थिति में कांगड़ा, चंबा, शिमला, मंडी, कुल्लू, सिरमौर, सोलन, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले में अचानक बाढ़ की आशंका है। उधर, शुक्रवार को राजधानी शिमला व अन्य भागों में मौसम साफ बना रहा।
पर्यटकों व स्थानीय लोगों के लिए जरूरी सलाह
गंतव्य के लिए रवाना होने से पहले अपने मार्ग पर ट्रैफिक जाम की जांच करें।
इस संबंध में जारी की गई सभी यातायात सलाह का पालन करें।
उन क्षेत्रों में जाने से बचें जहां अक्सर जल भराव की समस्या होती है।
संबंधित विभागों द्वारा जारी सलाह और दिशा-निर्देशों का पालन करें।
कमजोर ढांचे में और उसके आसपास रहने से बचें।
तूफान की आशंका को देखते हुए खुले इलाकों में जाने से बचें