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Himachal: पहाड़ों को नजदीक से देखने की चाह में ऐसे भटके कि दोबारा नहीं मिले, इन दो वजह से शिकार बन रहे ट्रैकर

Himachal Trekkers Missing, कुल्लू, मनाली व लाहुल के पहाड़ों में हर साल कई पर्यटक मनमानी व जानकारी के अभाव में जान से हाथ धो रहे हैं। पर्यटन विभाग ने हिमाचल प्रदेश में आने वाले ट्रैकर के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। दुर्घटना का शिकार होने वाले ट्रैकर विभाग के दिशा-निर्देश का पालन नहीं करते हैं। पहाड़ों में कदमताल के शौकीन लाखों देशी-विदेशी सैलानी हर साल कुल्लू-मनाली आते हैं।

अनुभवी गाइड के साथ यात्रा करने वाले सुरक्षित

जो ट्रैकर अनुभवी गाइड व पंजीकृत ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से पुलिस को बताकर ट्रैकिंग पर जाते हैं, उनके साथ दुर्घटना बहुत कम होती है। जो लोग मनमाने तरीके से इन चोटियों को हल्के में लेते हैं, बिना तैयारी व बिना अनुभवी गाइड के ट्रैकिंग के लिए निकल पड़ते हैं, उनमें से ही अधिकतर दुर्घटना का शिकार होते हैं।

कई ट्रैकर गंवा चुके जान

कुल्लू-मनाली सहित लाहुल-स्पीति भी ट्रैकर की पहली पसंद रही है मगर डेढ़ दशक में कई देशी-विदेशी ट्रैकर जान गंवा चुके हैं। सैकड़ों देशी-विदेशी ट्रैकर पहाड़ों में ऐसे गुम हुए कि आज तक उनका कोई पता नहीं चला है। इसी साल 15 जून को लाहुल-स्पीति के सीबी 13 में बेंगलुरु के पर्वतारोही वेद व्यास ग्लेशियर की दरार में गिर गए थे। रेस्क्यू अभियान चलाए और कड़ी मशक्कत के बाद पर्वतारोहण संस्थान की टीम तीन महीने बाद उनका शव निकालने में सफल हुई थी।

रास्‍ता भटक गए थे चार पर्वतारोही

इसी साल आठ सितंबर को मलाणा के माउंट अली रतनी टिब्बा में बंगाल के चार पर्वतारोही रास्ता भटक गए थे। प्रशासन ने उन्हें भी पर्वतारोहण संस्थान मनाली की मदद से सुरक्षित तलाश लिया था। हालांकि पुलिस ने अधिकतर ट्रैकर के शव बरामद किए लेकिन कई सैलानियों का पता नहीं लगा है।

दिल्‍ली के अमन अवस्‍थी का नहीं लगा कोई सुराग

23 मार्च 2018 को मलाणा की पहाड़ियों में गुम हुए दिल्ली के अमन अवस्थी का कोई सुराग नहीं लग पाया है। हामटा की पहाड़ी में गुम दिल्ली के युवा ट्रैकर अखिल का शव भी सप्ताह बाद बरामद किया गया था। इसलिए पर्यटकों को पर्यटन विभाग से पंजीकृत ट्रैवल एजेंसियों से ही सुरक्षित ट्रैकिंग करनी चाहिए।

नियमों का पालन करें ट्रैकर : एसडीएम
एसडीएम मनाली डाक्‍टर सुरेंद्र ठाकुर का कहना है प्रशासन व पर्यटन विभाग देशी-विदेशी पर्यटकों को दिशानिर्देश जारी करता है। कुछ पर्यटक मनमाने तरीके से पहाड़ों की ओर अकेले निकल जाते हैं। ऐसे पर्यटक दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। ट्रैकर से आग्रह है कि वे दिशानिर्देशों का पालन करें। निर्धारित समय में ही पंजीकृत ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से अनुभवी गाइड के साथ ट्रैकिंग पर जाएं।

कुल्लू जिला में गुम हुए ट्रैकर

वर्ष,18 वर्ष से कम,18 वर्ष से अधिक

2016,2,41
2017,2,88
2018,15,97
2019,22,103
2020,17,91
2021,13,64

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