खबर आजतक
जागरण संवाददाता, शिमला। एक मार्च से राजधानी शिमला सहित साथ आसपास के क्षेत्रों में स्कूलों के लिए हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) 56 बसें चलाएगा। निगम ने इन बसों की समयसारिणी तय कर दी है। इससे बसों में ओवरलोडिंग नहीं होगी। इसके लिए निगम ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं। एक बस के लिए सिर्फ 45 पास ही बनाए जा रहे हैं ताकि, सभी बच्चों को सीट मिल सके। सुबह के समय बच्चों को घरों से स्कूल छोड़ने और छुट्टी के बाद स्कूल से घर छोड़ने के लिए बसें चलेंगी।
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम शिमला का लोकल डिपो इस शैक्षणिक सत्र में 56 बसों का संचालन करेगा। इसके इसके अलावा कुछ बसें तारादेवी डिपो व कुछ अन्य डिपो की भी होंगी। निगम ने शहर के निजी स्कूलों से इस संबंध में जानकारी मांगी थी। इसमें पूछा गया था कि कितने बच्चे किस रूट से आते हैं। स्कूलों ने यह जानकारी नहीं दी। इसके बाद निगम ने खुद ही बसों की बैठने की क्षमता के अनुसार पास बनाए। निगम का कहना है कि अतिरिक्त स्कूल बसों के लिए अभिभावकों की यदि मांग आती है तो निगम बसें चलाएगा।
महंगी हो गई स्कूल टैक्सी
स्कूलों के लिए चलने वाली टैक्सियों के किराये काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। इस कारण अब लोग एचआरटीसी बसों को शहर के हर कोने से चलाने की मांग कर रहे हैं। निगम के पास सीमित बसें व स्टाफ होने के कारण वह भी ज्यादा बसें नहीं चला पाता है। एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक विनोद शर्मा ने कहा कि एक मार्च से 56 बसें स्कूलों के लिए चलेंगी। सुबह व शाम के समय यह बच्चों को घर से स्कूल व स्कूल से घर तक छोड़ेंगी। बस पास बनाने का काम चल रहा है।