खबर आजतक
हिमाचल प्रदेश में पिछले दो माह में सामान्य से 30 प्रतिशत कम वर्षा हुई, जिससे सूखे की स्थिति संभावित हो गई है। शरद ऋतु में औसतन कम हिमपात व वर्षा से भविष्य में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए शिमला में सोमवार को मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिलों से जानकारी दी गई कि जनवरी-फरवरी में कम वर्षा हुई। यदि मार्च व अप्रैल में भी हालात नहीं सुधरे तो पेयजल व्यवस्था करने के लिए अधिकारियों को ठोस प्रस्ताव तैयार करें। मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों और संबंधित विभागाध्यक्षों को ऐसी स्थिति से निपटने के लिए ठोस कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
15 दिन में दोबारा समीक्षा बैठक
उपायुक्तों के साथ 15 दिन में दोबारा समीक्षा बैठक होगी। उन्होंने जल शक्ति विभाग को सभी पेयजल योजनाओं से सुचारू पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक जलस्रोतों के रखरखाव तथा इनके आसपास स्वच्छता बनाए रखने को भी कहा।
कई अधिकारी शामिल
मुख्य सचिव ने प्रदेशवासियों से पेयजल का सदुपयोग सुनिश्चित करने का आह्वान भी किया। बैठक में उपायुक्तों तथा संबंधित विभागाध्यक्षों से तैयारियों को लेकर विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक में प्रधान सचिव राजस्व एवं वन, सचिव जलशक्ति एवं बागवानी, सचिव कृषि एवं पशुपालन और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उपायुक्त बैठक में वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से शामिल हुए।
उपायुक्तों के साथ 15 दिन के बाद फिर होगी समीक्षा बैठक
उपायुक्त विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को भेजेंगे। जनवरी-फरवरी के दौरान तापमान भी दो डिग्री अधिक रहा। पेयजल व्यवस्था के लिए ठोस प्रस्ताव तैयार करें अधिकारी