हिमाचल हाई कोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चुनाव आरक्षण के मामले में अहम व्यवस्था दी है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने स्पष्ट किया कि आरक्षित श्रेणी से संबंधित पुरुष या महिला सामान्य श्रेणी के साथ-साथ आरक्षित श्रेणी से चुनाव लड़ सकते हैं। अदालत ने कहा कि ऐसे सदस्य अध्यक्ष के चुनाव लड़ने का भी हकदार भी रखते हैं। अदालत ने नगर परिषद देहरा के अध्यक्ष के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
याचिकाकर्ता सुनीता शर्मा ने कांगड़ा जिला में नगर परिषद देहरा के अध्यक्ष पद के लिए सर्वसम्मति से चुनी गई सुनीता कुमारी के चुनाव को चुनौती दी थी। आरोप लगाया गया था प्रतिवादी सुनीता कुमारी अनुसूचित जाति से संबंध रखती है। उसने वार्ड नंबर 3 हनुमान मंदिर से चुनाव लड़ा, जो सामान्य श्रेणी के लिए आवंटित किया गया था।
नगर परिषद देहरा के लिए चुनाव 10 जनवरी 2021 को चुनाव हुए थे। याचिकाकर्ता और प्रतिवादी को उनके संबंधित वार्ड से वार्ड सदस्य के रूप में निर्वाचित घोषित किया गया था। 18 जनवरी 2021 को नगर परिषद देहरा के अध्यक्ष का चुनाव हुआ, जो सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित था। इस पद के लिए वार्ड संख्या 3 से सदस्य सुनीता कुमारी को सर्वसम्मति से पद के लिए चुना गया। आरोप लगाया गया था कि प्रतिवादी अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित है।
जबकि अध्यक्ष का पद सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित था। अदालत ने पक्षकारों की दलीलों को विस्तार से सुनने और मामले के रिकॉर्ड को देखने के बाद पाया कि आरक्षण महिलाओं के लिए है, लेकिन सामान्य वर्ग के लिए नहीं। आरक्षण प्रदान करने के पीछे समाज का कमजोर वर्ग, समाज में बढ़ने और रहने के समान अवसर के साथ स्थिति में समान करने का संवैधानिक लक्ष्य है।