हिमाचल में बदलेगी
हिमाचल प्रदेश में अब तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती प्रणाली बदलेगी। ओएमआर शीटों से परीक्षा लेने का तरीका खत्म होगा। ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन को अब पुराने जमाने की तकनीक माना जा रहा है। इससे भी पेपर लीक होने की आशंका होती है। इसके बजाय अब कंप्यूटर आधारित यानी सीबीटी आधार पर परीक्षा होगी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, स्टाफ सेलेक्शन कमीशन और रक्षा क्षेत्र की भर्ती एजेंसियों ने भी ओएमआर शीट वाली प्रणाली को बंद कर दिया है। नया आयोग किस तरह का होगा, इस बारे में भी चर्चा होगी।
नया आयोग भी बेहतरीन भर्ती एजेंसी की तर्ज पर बनेगा। मंगलवार को सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दीपक सानन की अध्यक्षता वाली कमेटी की दूसरी बैठक हुई। इसमें देश और दुनिया की भर्ती परीक्षा प्रणाली के बारे में मंत्रणा की गई। हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को पेपर लीक प्रकरण में भंग किया गया है। नया आयोग बन जाने तक भर्तियां राज्य लोक सेवा आयोग करेगा। बैठक में यह चर्चा हुई कि किस तरह से भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सकता है। सानन ने बताया कि ओएमआर आधारित परीक्षा प्रणाली बहुत पुरानी है। अब अन्य प्रतिष्ठित एजेंसियों की तरह ही भर्ती प्रक्रिया की उच्च तकनीकों को अपनाना होगा।
मंगलवार को हुई बैठक में पूर्व आईएफएस अधिकारी अजय कुमार, इंडियन कोस्ट गार्ड के पूर्व अफसर देवराज शर्मा के अलावा निदेशक आईटी मुकेश रेप्सवाल भी शामिल हुए। अब 17 जून को होगी अगली बैठक अब इस संबंध में अगली बैठक फिलहाल 17 जून को तय की गई है। इससे पहले अधिकारी देश के कुछ प्रतिष्ठानों का दौरा भी कर सकते हैं। सरकार ने संशोधित किए प्रदेश प्रशासनिक सेवा नियम 1973 शिमला। प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक सेवा नियम 1973 संशोधित कर दिए हैं। इसके तहत प्रशासनिक सेवा अधिकारियों से संबंधित पंजीकरण की प्रक्रिया को बदला गया है। इन अधिकारियों के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को रजिस्टरों में अंकित किया जाता है। सरकार ने इन जानकारियों को दर्ज करने की प्रक्रिया में आंशिक बदलाव किया है। कार्मिक विभाग की ओर से इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गई है।