हिमाचल में पहली दफा
हिमाचल में पहली दफा लिवर के दाएं हिस्से में बने ट्यूमर का सफल ऑपरेशन हुआ है। आईजीएमसी में दोनों जटिल ऑपरेशन डॉक्टरों की टीम ने चार से पांच घंटे में किए। वहीं दोनों महिला मरीज स्वस्थ हैं। डॉक्टरों ने अस्पताल से छुट्टी देकर दोनों को घर भेज दिया है। दावा है कि अब तक इस तरह के ऑपरेशन के लिए मरीजों की पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ता था। प्रदेश में ही उपचार मिलने से मरीजों को बड़ी राहत मिली है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में चंबा के पांगी की रहने वाली 47 साल की महिला को टांडा में उपचार के बाद रेफर किया था। 7 अप्रैल को उपचार शुरू किया।
महिला मरीज को बार-बार पीलिया और बुखार हो रहा था। आईजीएमसी के कैंसर सर्जन डॉ. रशपाल ठाकुर ने मरीज का सीटी स्कैन टेस्ट करवाया। जांच में सामने आया कि महिला मरीज के लिवर की रसौली थी। लिहाजा महिला का 17 अप्रैल को ऑपरेशन हुआ। पांच घंटे चला यह ऑपरेशन सफल रहा। उधर, दूसरे मामले में किन्नौर के कल्पा की रहने वाली 43 साल की महिला के दाएं हिस्से का लिवर बढ़ गया था। इस वजह से महिला के पेट में दर्द रहता था। क्योंकि लिवर के फटने का डर था तो डॉक्टरों ने देरी नहीं की। सर्जन डॉ. रशपाल ठाकुर और सर्जरी विभाग के प्रो. पुनीत महाजन व टीम ने 20 अप्रैल को दूसरी महिला का भी सफल ऑपरेशन किया। वहीं एक सप्ताह बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी।
आईजीएमसी के कैंसर सर्जन डॉ. रशपाल ठाकुर ने कहा कि इस तरह के ऑपरेशन काफी जटिल होते हैं। क्योंकि वे एम्स दिल्ली से एमसीएच करके आए हैं और सफदरजंग अस्पताल दिल्ली से सर्जरी में एमएस की है। ऐसे में इस तरह की बीमारी के मरीजों को इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ का रुख नहीं करना होगा। वहीं गरीब मरीजों के आवाजाही का खर्चा भी बचेगा। इस टीम ने किया ऑपरेशन आईजीएमसी के कैंसर सर्जन विशेषज्ञ डॉ. रशपाल ठाकुर, प्रो. डॉ. पुनीत महाजन, डॉ. मुकेश चड्ढा, डॉ. विजय वर्मा और एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. ज्योति पठानिया, डॉ. कार्तिक स्याल और डॉ. अंकिता चंदेल ने ऑपरेशन में सहयोग किया।