हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश की शक्तिपीठों में रविवार को आस्था का सैलाब उमड़ा। कांगड़ा जिले में मां चामुंडा, मां ज्वालाजी और मां बज्रेश्वरी समेत ऊना में माता चिंतपूर्णी और बिलासपुर में मां श्री नयना देवी के दरबार में रात तक श्रद्धालुओं की गहमगाहमी बनी रही। देर शाम तक शक्तिपीठों में 91,000 भक्तों ने मां के दर हाजिरी भरकर दर्शनों का पुण्य लाभ कमाया। उधर, सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ मंदिर हमीरपुर और बिलासपुर के शाहतलाई में शनिवार और रविवार को 90 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने माथा टेका।
साप्ताहिक अवकाश के चलते पड़ोसी राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे। जिला कांगड़ा के तीनों शक्तिपीठों में रविवार को करीब 35 हजार श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। ज्वालाजी में 20 हजार, श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में 10 हजार और बज्रेश्वरी धाम कांगड़ा में भी पांच हजार श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए। ऊना जिले में विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी मंदिर में शाम छह बजे तक 16,000 श्रद्धालु माता के दर्शन कर चुके थे।
मंदिर में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला रात तक बना रहा। उधर, पंजाब की सीमा से लगती शक्तिपीठ श्रीनयना देवी जी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। देर शाम तक मंदिर में 40,000 से अधिक श्रद्धालु मां के दर्शनों का पुण्य लाभ कमा चुके थे। सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ के दियोटसिद्ध और शाहतलाई स्थित मंदिरों में भी आस्था का सैलाब उमड़ा। दियोटसिद्ध में शनिवार और रविवार को 50,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बालनाथ के दरबार में शीश नवाया।
प्रदेश की सभी शक्तिपीठों और सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ में दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया। लंबी-लंबी लाइनों में लगकर श्रद्धालु माता और बाबा बालकनाथ के जयकारे लगाते हुए दर्शनों के लिए अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा समेत कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंदिर न्यासों का प्रबंधन, कर्मचारी और पुलिस व होमगार्ड्स के जवान मुस्तैद रहे।