हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के जेओए आईटी पेपर लीक मामले में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कामकाज को निलंबित करने का फैसला किया है। जनहित में सभी चल रही और लंबित भर्ती प्रक्रियाओं को अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
आयोग में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी अब विशेष कार्य अधिकारी को रिपोर्ट करेंगे। सरकार ने एडीसी कम एडीएम हमीरपुर को आयोग का विशेष कार्य अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही सरकार ने आयोग के सचिव डॉ. जितेंद्र कुमार, उप सचिव संजीव कुमार को भी रिलीव कर दिया है। इन अधिकारियों को कार्मिक विभाग में रिपोर्ट करने को कहा गया है। इन अधिकारियों की तैनाती के आदेश बाद में जारी किए जाएंगे। मुख्य सचिव आरडी धीमान ने ये आदेश जारी किए हैं। डॉ. जितेंद्र कंवर बीते आठ साल से कर्मचारी चयन आयोग के सचिव थे।
वहीं पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी महिला उमा आजाद को निलंबित कर दिया गया है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. संजय ठाकुर ने कहा कि जेओए आईटी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाले वरिष्ठ सहायक को निलंबित कर दिया है। निलंबन के बाद उसका मुख्यालय कहां तय होगा, यह विजिलेंस कार्रवाई की आगामी बैठक में तय होगा।
बता दें विजिलेंस ने पैसे लेकर पेपर लीक करने के मामले में शुक्रवार को आयोग की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, उसके छोटे बेटे निखिल आजाद, घर पर काम करने वाले नीरज, दो अभ्यर्थियों तनु शर्मा और अजय शर्मा के अलावा दलाल संजीव कुमार को गिरफ्तार किया था, जिन्हें शनिवार को हमीरपुर न्यायालय ने २८ दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। अब इस मामले में जल्द ही अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।