सरकार कर्ज का राग
हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदन में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार कर्ज का राग ऐसे अलाप रही है जैसे 2017 में प्रदेश को कर्ज मुक्त कर गए थे। हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदन में विधायक क्षेत्र विकास निधि जारी नहीं होने का विरोध करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू जब विपक्ष में होते थे तो विधायकों के हक में होते थे, अब सीट बदलते ही इनके सुर भी बदल गए हैं। सरकारें निरंतर चलती हैं। ऐसा नहीं होता कि पुरानी सरकारों के काम बीच में ही छोड़ दिए जाएं। विधायक क्षेत्र विकास निधि जारी न होने तक सरकार के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे। दिसंबर 2022 तक की तीन किस्तें विधायकों को पूर्व सरकार देकर गई है। चुनावी वर्ष में अकसर ऐसा होता है कि चौथी किस्त को अगली सरकार देती है। लेकिन, इस बार जनवरी से मार्च 2023 तक की 50 लाख रुपये की चौथी किस्त अभी तक जारी नहीं हुई है।
विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में कई घोषणाएं कर चुके हैं। लोग अब पूछ रहे हैं कि इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए पैसा कहां है। वर्ष 2017 में कांग्रेस सरकार ने एक सप्ताह में 21 कॉलेज खोले थे। भाजपा सरकार ने उन कॉलेजों की जांच पड़ताल कर अधिकांश को चलाया। उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने 2012 से 2017 तक 27 हजार करोड़ का कर्ज लिया। 48 हजार करोड़ का कर्ज कांग्रेस छोड़ कर गई थी। हमारी सरकार के समय कर्ज की राशि बढ़कर 69 हजार करोड़ पहुंची। अब गलत आंकड़े पेश कर कर्ज को 75 हजार करोड़ से अधिक बताया जा रहा है। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कई दफ्तर बंद करने के बाद अब विधायक क्षेत्र विकास निधि सहित कई अन्य योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि भी नहीं दी जा रही। 11 दिसंबर 2022 को शपथ लेते ही मुख्यमंत्री ने संस्थानों और दफ्तरों को बंद करना शुरू कर दिया।
अगर हमने गलत संस्थान खोले थे तो कोई प्रक्रिया बनाकर जांचा जाना चाहिए था। कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति हमारे समय भी ठीक नहीं थी। आने वाले समय में भी यह ठीक होती नजर नहीं आ रही। सरकार ने कई सीपीएस और कैबिनेट दर्जे के चेयरमैन बना दिए हैं। उपमुख्यमंत्री बातों में घुमा रहे हैं। मुकेश अग्निहोत्री को लेकर तंज कसते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि आपका लड़ना झगड़ना काम नहीं आया, आगे भी नहीं आएगा। अफसरों की सब्सिडी को भी किया जाए कमजयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने हिमाचल सदन और हिमाचल भवन में विधायकों को कमरों और खाने पर मिलने वाली सब्सिडी को समाप्त कर दिया है। हमने इसे लेकर कोई आपत्ति नहीं की। अफसरों के खर्च भी इसी तरह कम किए जाने चाहिए। अफसरों और कर्मचारियों को 500 रुपये में कमरा क्यों दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गारंटियां कांग्रेस सरकार के गले में फंस गई हैं।