शिमला रिज मैदान
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद खाली खजाने को भरने के लिए नगर निगम ने व्यावसायिक सालाना शुल्क को सीधा दो गुना करने का फैसला लिया है। इसका प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है। पहले चरण में अश्व संचालक, फोटोग्राफर और प्रैम चलाने वाले लोगों को इसके दायरे में लाया जा रहा है। सालाना शुल्क दोगुना होने पर इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर भी पड़ेगा।
इसके लागू होने के बाद रिज पर घुड़सवारी, फोटो खिंचवाना और बच्चों को प्रैम में घूमाना सब महंगा हो जाएगा। रिज मैदान पर पर्यटकों और स्थानीय लोगों को घोड़े की सवारी करना भी महंगी पड़ेगी। नगर निगम प्रशासन ने घोड़े वालों से लिया जाने वाला वार्षिक शुल्क 12 हजार से बढ़ाकर 24 हजार करने का प्रस्ताव तैयार किया है। सूत्र बताते हैं कि प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है। इसका भार लोगों पर पड़ेगा।
घोड़े वाले प्रति सवारी अभी तक 70 रुपये ले रहे हैं। शुल्क बढ़ने के बाद वह भी प्रति सवारी किराया तुरंत प्रभाव से बढ़ाने को तैयार बैठे हैं। रिज मैदान पर 15 घोड़े हैं। शिमला घूमने आने वाले पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोग भी बच्चों से घुड़सवारी करवाते हैं। घोड़े वाले रिज पर एक छोटा चक्कर लगवा देते हैं। लोग घोड़ों पर बैठकर फोटो भी खिंचवाते हैं तो कई पारंपारिक परिधानों और चर्च का फोटो लेते हैं।
रिज मैदान पर फोटो खींचने वाले फोटोग्राफर से लिए जाने वाला सालाना शुल्क भी 2000 से बढ़ाकर 4000 प्रस्तावित है। रिज और मालरोड पर छोटे बच्चों को घुमाने वाले प्रैम वालों को भी सालाना शुल्क 500 की जगह 1000 रुपये नगर निगम को देना होगा। सूत्र बताते हैं कि पहली अप्रैल से इसे लागू करने की तैयारी है। निगम आयुक्त आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि इसकी प्रक्रिया चल रही है।