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शक्तिपीठों के सौंदर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान बनाए जाएंगे, टुकड़ों में कोई काम नहीं होगा : मुकेश अग्निहोत्री 

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शक्तिपीठों के सौंदर्यीकरण 

देवभूमि हिमाचल के शक्तिपीठ माता वैष्णों देवी मंदिर की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे। बुधवार को सदन में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि शक्तिपीठों के सौंदर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान बनाए जाएंगे। टुकड़ों में कोई काम नहीं होगा। कहा कि वैष्णों देवी मंदिर सुविधाओं के लिए जाना जाता है। हम भी प्रदेश के मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए हर सुविधा मुहैया करवाएंगे। प्रदेश के जिन मंदिरों में पूजा नहीं हो रही है, वहां पुजारियों की व्यवस्था की जाएगी। कांग्रेस विधायक सुदर्शन सिंह ने चिंतपूर्णी मंदिर का मामला उठाया था। इस पर मुकेश ने कहा कि हिमाचल के मंदिर देश भर में श्रद्धा केंद्र हैं। चिंतपूर्णी, नयनादेवी, बज्रेश्वरी, चामुंडा देवी, ज्वाला जी सहित बाबा बालक नाथ मंदिर, बगलामुखी मंदिर और अन्य बड़े मंदिरों के लिए मास्टर प्लान बनाए जाएंगे।

सरकार के अधीन वाले मंदिरों के लिए पानी और सीवरेज की डीपीआर बनाने का काम शुरू हो गया है। चिंतपूर्णी मंदिर के लिए सात करोड़ का बजट दिया है। पांच करोड़ भूमि अधिग्रहण पर खर्च हो गए हैं। दुकानों पर 1.86 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। चिंतपूर्णी का भव्य मंदिर व भवन बनाया जाएगा। चिंतपूर्णी में सीवरेज सिस्टम के लिए 16 करोड़ दिए गए हैं। साथ लगती पंचायतों को भी कवर किया जा रहा है। पीने के पानी के लिए 12.24 करोड़ की योजना पर काम हो रहा है। म्यूजियम के लिए 11.21 करोड़ मंजूर कर दिए गए हैं। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने प्रसाद योजना में 45 करोड़ देने थे, लेकिन यह राशि अभी तक जारी नहीं हुई है। केंद्र के समक्ष इस मामले को उठाया जाएगा। मुबारिकपुर से मंदिर तक सड़क को भी दुरुस्त किया जाएगा।

जयसिंहपुर के आशापुरी मंदिर के अधिग्रहण का उठाएंगे मामला

कांग्रेस विधायक यादवेंद्र गोमा के सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जयसिंहपुर के माता आशापुरी मंदिर के अधिग्रहण का मामला भारतीय पुरातत्व विभाग से उठाया जाएगा। अभी यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है। इस कारण सरकार यहां कोई कार्य नहीं करवा सकती है। सरकार के अधीन मंदिर को लेने के लिए विचार किया जाएगा। मंदिर तक जाने वाली सड़क को जल्द ठीक करवाया जाएगा। बीते तीन साल में भारतीय पुरातत्व विभाग ने बहुत कम राशि इस मंदिर के लिए जारी की है। मान्यता है कि इस मंदिर में आने वालों को स्वर्ग की अनुभूति होती है। विधायक यादवेंद्र गोमा भाग्यशाली हैं, जिनके विधानसभा क्षेत्र में यह मंदिर है।

विभाग का नहीं विकेंद्रीयकृत योजना में खर्च नहीं हुई राशि ही ली वापस : अनिरुद्ध

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से जारी कोई फंड वापस नहीं लिया गया है। विकेंद्रीयकृत योजना में खर्च नहीं हुई राशि ही वापस ली गई है। बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि पंचायत सचिव और तकनीकी स्टाफ की भर्ती जल्द की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में इसकी घोषणा की है। इन पदों की नियुक्तियों में दूरदराज के क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा विधायक बलवीर वर्मा ने स्टाफ की कमी से पैसा खर्च नहीं होने का मामला उठाया। जयराम ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में स्टाफ की भारी कमी है। एक कनिष्ठ अभियंता के पास आठ से दस पंचायतें हैं। पंचायत सचिवों के भी कई पद रिक्त हैं। इन कारणों से ही कार्यों में देरी हो रही है।

उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग उपयोजना और मुख्यमंत्री सड़क योजना का पैसा भी वापस ले लिया गया है। आशंका है कि राजनीतिक दृष्टि से इस धनराशि को कुछ विशेष ब्लाॅकों में ही खर्च किया जाएगा। ऐसा नहीं होना चाहिए। जहां से पैसा वापस लिया गया है, वहीं इसे देना चाहिए। जवाब में मंत्री ने कहा कि सहूलियत के हिसाब से सरकार पैसा खर्च नहीं करेगी। पूर्व में विकेंद्रीकरण योजना के तहत चौपाल को 17 करोड़ मिले थे। जुब्बल कोटखाई को भी उपचुनाव से पहले पैसा दिया गया था। उधर, भाजपा विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि चौपाल से कनिष्ठ अभियंता और तकनीकी स्टाफ को अन्य क्षेत्रों के लिए स्थानांतरित किया जा रहा है। जवाब में मंत्री ने कहा कि विधायक ने कई तबादले तो खुद करवाए हैं। विधायक नहीं कहेंगे तो तबादले भी नहीं होंगे।

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