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विलुप्त हो चुके पीले फूल वाला जास्मिन का पौधा 113 साल बाद भरमौर के जंगलों में मिला

विलुप्त हो चुके पीले फूल

विलुप्त हो चुके पीले फूल वाला चमेली (जास्मिन) का पौधा 113 साल बाद भरमौर के जंगलों में मिला है। वर्ष 1890 में इस प्रजाति के फूल के पौधे भरमौर के जंगलों में मिले थे, लेकिन उसके बाद यह प्रजाति विलुप्त हो गई थी। तब से लेकर इस प्रजाति के फूल के पौधे जिला चंबा के जंगलों में कहीं नहीं देखे गए। कुछ दिन पहले वन्य प्राणी विभाग के मंडलाधिकारी और उनकी टीम ने भरमौर के जंगलों में पौधों की नई प्रजाति ढूंढने के लिए सर्च अभियान चलाया। इस दौरान टीम को पीली चमेली का पौधा दिखा।

इस सफलता से विभागीय टीम गदगद हो गई, क्योंकि फूल की जिस प्रजाति को विलुप्त माना जा चुका था, उसे विभाग ने 113 साल बाद दोबारा ढूंढ निकाला। विभाग ने अनुमान लगाया है कि यह प्रजाति होली के जंगलों में भी हो सकती है। इसलिए अब विभाग होली क्षेत्र में सर्च अभियान चलाने की योजना बना रहा है। इस प्रजाति को खोजने वाली टीम में सेवानिवृत्त पीसीसीएफ जीएस गारैया, वनमंडल अधिकारी वन्य प्राणी विभाग अमित शर्मा, वनमंडल अधिकारी भरमौर नरेंद्र कुमार व वन रक्षक गजिंद्र शामिल रहे। वर्ष 1890 के बाद चंबा के जंगलों में इस प्रजाति के फूल के पौधे का कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं हुआ। ऐसे में इस विलुप्त प्रजाति के पौधे का भरमौर के जंगलों में मिलना खुशी की बात है। इसके संरक्षण के लिए विभाग योजनाबद्ध कार्य करेगा। – अमित शर्मा, वन मंडल अधिकारी, वन्य प्राणी विभाग, चंबा

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