राजधानी में हजारों
राजधानी में हजारों भवनमालिकों से वसूले जाने वाले प्रापर्टी टैक्स में अब नए फार्मूले से बढ़ोतरी होगी। केंद्र सरकार के निर्देश पर शिमला नगर निगम भी टैक्स बढ़ोतरी का नया फार्मूला लागू करने जा रहा है। इस फॉर्मूले के लागू होने से शहर में तीन साल की बजाय हर साल टैक्स में इजाफा होगा। प्रदेश सचिवालय में बुधवार को शहरी विकास सचिव देवेश कुमार की अध्यक्षता में इस फार्मूले को लागू करने को लेकर बैठक बुलाई गई। इसमें प्रेजेंटेशन के माध्यम से इस फार्मूले को लागू करने को लेकर जानकारी दी गई। नगर निगम शिमला शहर में करीब 30 हजार भवनमालिकों से प्रापर्टी टैक्स वसूलता है।
यूनिट एरिया मैथड के तहत वसूले जाने वाले इस टैक्स में हर तीन साल बाद दस फीसदी की बढ़ोतरी की जाती है। लेकिन अब केंद्र सरकार ने जो फार्मूला दिया है, वह प्रदेश की विकास दर पर आधारित है। प्रदेश में बीते पांच साल में जीडीपी दर क्या रही, उसकी औसत के हिसाब से ही टैक्स में बढ़ोतरी की जाएगी। यदि जीडीपी दर कम रही तो टैक्स कम बढ़ेगा। देश भर के सभी नगर निगमों और नगर निकायों को यह फार्मूला लागू करने को कहा गया है। सदन की मंजूरी के लिए रखा जाएगा प्रस्ताव : सचिवालय में बैठक के बाद अब इसे लागू करना है या नहीं, इसे नगर निगम सदन में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। इस महीने ही निगम प्रशासन मासिक बैठक में इस प्रस्ताव को लाने जा रहा है।
नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली ने माना कि सचिवालय में बैठक हुई है। पहले साल शिमला शहर की जनता को मिलेगी राहत शिमला शहर में इस साल टैक्स में दस फीसदी की बढ़ोतरी होनी थी। लेकिन सरकार ने इसे टाल दिया। अब अगले साल यह बढ़ोतरी लागू होनी है। लेकिन इससे पहले यदि एमसी ने केंद्र का फार्मूला लागू किया तो लोगों को पहले साल राहत मिलेगी। निगम सूत्रों के अनुसार जीडीपी दर को देखते हुए टैक्स में कुल दो से तीन फीसदी तक की ही बढ़ोतरी होगी। यानी नए फार्मूले के लागू होने के बाद अगले साल लोगों को प्रस्तावित दस फीसदी की जगह दो से तीन फीसदी ही ज्यादा टैक्स देना होगा। हालांकि, हर साल होने वाली इस बढ़ोतरी से जनता पर बोझ पड़ सकता है। जीडीपी कम रहने पर टैक्स बढ़ोतरी में भी लोगों को राहत मिल सकती है।