हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के लिए करवाए गए सर्वे में सबसे ऊपर नाम आने के बाद उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। मुकेश अग्रिहोत्री ने तमाम अटकलों को विराम लगाते हुए कहा कि न तो वह कोई चुनाव लड़ रहे हैं, न ही उनकी बेटी आस्था अग्रिहोत्री कोई चुनाव लड़ेगी। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि न तो उन्हें कोई चुनाव लडऩे के लिए बाध्य कर सकता है, न ही कोई चुनाव मुझपर थोप सकता है। मैं राजनीति अपने मन की, अपनी शर्तों पर तथा अपने हिसाब से करता हूं । न मैं लड़ रहा हूं, न आस्था लड़ रही है। न हम लोकसभा लड़ रहे हैं, न विधानसभा लड़ रहे है। यह हमारा पारिवारिक फैसला है। इस समय हमारी सबसे बड़ी श्रद्धा प्रो.सिम्मी अग्रिहोत्री की तरफ है।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि आस्था अग्रिहोत्री को संसदीय चुनाव लडऩे का ऑफर प्राप्त हुआ था। उसने बड़ी विनम्रता से चुनाव लडऩे में असमर्थता जाहिर कर दी थी। उन्हें गगरेट विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लडऩे का प्रस्ताव आया था, जिस पर उन्होंने स्पष्ट तौर पर इनकार कर दिया था। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि जो प्रस्ताव आए थे, वे आस्था अग्रिहोत्री के लिए आए थे। दोनों प्रस्तावों पर चर्चा होने के बाद अब विराम लग चुका है। न तो मुझे कोई चुनाव लडऩा है, न ही मेरी बेटी को। हर चीज राजनीति ही नहीं होती। जीवन के दूसरे मकसद भी है। हाल ही में मेरी पत्नी सिम्मी अग्रिहोत्री का निधन हुआ है। हमारे परिवार के लिए यह बहुत बड़ा नुकसान है।
अभी हालात सामान्य नहीं
डिप्टी सीएम ने कहा कि कौन साजिश कर रहा है, कौन षड्यंत्र कर रहा है, हम इनसे ऊपर निकल चुके हैं। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि वह आभारी हैं कि कांग्रेस हाइकमान ने आस्था अग्रिहोत्री को लोकसभा व विधानसभा के लिए प्रस्ताव दिया। उसे इस काबिल समझा। यह किसी भी बच्चे के लिए गर्व की बात होती। यदि परिवार की स्थितियां सामान्य होतीं, तो इस पर विचार करते।