मटाैर-शिमला नेशनल हाई-वे
कांगड़ा: मटाैर-शिमला नेशनल हाई-वे काे लेकर मंगलवार काे कांगड़ा बाईपास पर लाेगाें अशियानाें काे गिराने के लिए आए प्रशासनिक अमले का स्थानीय लाेगाें ने जमकर विरोध किया। प्रशासन काे अपने दलबल के साथ वापस लाैटना पड़ा।
बता दें कि मटाैर-शिमला नेशनल हाई-वे का काम जाेराें से चला हुआ है और कांगड़ा बाईपास के पास लगभग 13 से 14 परिवार हैं, जिन्हाेंने सरकारी भूमि पर अपने घर बनाए हुए हैं और अब इन लाेगाें के घर फाेरलेन की जद में आ गए हैं।
जिसको लेकर प्रशासन की ओर से इन लाेगाें काे पहले भी नाेटिस भेजे गए थे, लेकिन इन लाेगाें द्वारा काेई जबाव प्रशासन काे नहीं दिया, जिस पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन की ओर से नयाब तहसीलदार परिवंद्र पठानिया, कानूनगाे, पटवारी, पुलिस बल के साथ-साथ एएनएचआई के अधिकारी भी यहां पर कार्रवाई करने के लिए पहुंचे थे।
परंतु लाेगाें का कहना था कि उनका मामला काेर्ट में विचाराधीन है और जब तक काेर्ट का काेई फैसला नहीं आ जाता, तब तक वे अपने घराें काे गिराने नहीं देंगे। लाेगाें का कहना था कि जब हम सरकारी भूमि पर रह रहे थे, ताे हमारे बिजली के मीटर, पानी के कनेक्शन और हमारा राशन कार्ड कैसे बन गए और क्याें हमें सरकार हाउस टैक्स ले रही है।
लाेगाें का कहना है कि उन्हें यहां रहते हुए लगभग 70 वर्ष हाे गए हैं, लेकिन आज दिन तक काेई सरकारी कर्मचारी माैके पर नहीं पहुंचा। लाेगाें का कहना कि हमारी प्रशासन से यही मांग है कि हमें हमारे घराें का मुआवजा दिया, जाे हमने बनाए हैं। हम भूमि का मुआवजा नहीं मांग रहे हैं, हमें सिर्फ हमारे घराें का मुआवजा दिया जाए या फिर हमें विस्थापित किया जाए।
दाेपहर बाद प्रशासन ने अपनी कार्रवाई राेक दी थी, मगर एक घंटे बाद फिर ओर पुलिस बल काे बुलाया गया और माैके पर डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा, एसएचओ संजीव कुमार कांगड़ा सहित दर्जनाें पुलिस बल माैके पर माैजूद रहा। प्रशासन के अधिकारियाें ने लाेगाें काे बताया कि आप गैर कानूनी तरीके से रह रहे हैं, आपकाे यहां से उठना ही पड़ेगा और आप हिदायत दी जाती है कि आप अपने आप अपने घराें काे खाली कर दें, अन्यथा की प्रशासन की कार्रवाई ताे तय है।
इस संबंध में नायब तहसीलदार परविंदर पठानिया का कहना है कि उपमंडालधिकारी (ना.) एवं भू-अर्जन अधिकारी कांगड़ा के आदेशानुसार लाेगाें द्वारा सरकारी भूमि पर कब्जा किया गया, उन्हें हटाने के लिए प्रशासन और विभाग द्वारा जाे औपचारिकताएं थी, उन्हें भू-अर्जन विभाग की ओर कानूनी ढंग से निपटारा किया जा चुका है। उन्हाेंने कहा कि इस संबंध में जाेगीपुर पंचायत काे भी पत्र लिखा था कि आज (मंगलवार) 12 सितंबर के दिन इस भूमि काे खाली करना है और जाे भी यहां पर भवन हैं, उन्हें हटाया जान है।
इस संबंध में एसडीएम कांगड़ा साेमिल गाैतम का कहना है कि लाेगाें द्वारा जाे कहा जा रहा कि प्रशासन की ओर उन्हें सात दिन पहले ही नाेटिस आया था, मगर मैं आप काे बता दूं कि इन लाेगाें काे पहले भी मई महीन के पहले में इन परिवाराें काे नाेटिस जारी किया थे, मगर लाेग इस बात काे नहीं बता रहे हैं। उन्हाेंने बताया कि ये लाेग सरकारी भूमि पर बैठे हैं और इन्हें हर हाल में यहां उठना ही पड़ेगा। प्रशासन जाे कार्रवाई कर रहा है, वे कनून के दायरे में रह कर ही कर रहा है।