चंबा- मक्की की फसल में पिछले कुछ वर्षों से हिमचाल प्रदेश में फॉल आर्मी बर्म का प्रकोप बढ़ गया है I हर वर्ष यह कीट प्रदेश के कुछ जिलों में मक्की की फसल में कुछ न कुछ नुक्सान करता है I उप कृषि निदेशक डॉ कुलदीप धीमान ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पिछले वर्ष जिला चम्बा के कुछ क्षेत्रों में इस सुंडी का प्रकोप देखा गया था और कृषि विभाग व किसानों की सूझ -बुझ से समय रहते इस पर नियंत्रण भी पा लिया गया था I इसलिए इस कीट के कारण जिला चम्बा में मक्की की फसल को अधिक नुक्सान नहीं हुआ था।
मक्की की फसल जिसको कि एक घातक कीड़ा धीरे धीरे खाकर खोखला करता जाता है उस बारे किसान ने जानकारी देते हुए बताया कि अबकी बार मक्की की फसल पर एक नए तरह का कीड़ा आया है जोकि इस फसल को अंदर से खोखला करता जाता है। इस किसान ने बताया कि इस फसल को कैसे बचाया जाए हमारे कृषि विभाग से डॉक्टर आए हुए है और उन्होंने बताया कि इस फसल पर इस तरह से स्प्रे करके बचाया जा सकता है
इस बारे जानकारी देते हुए कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ कुलदीप धीमान ने कहा कि बरसात के इन महीनो में मक्की की फसल पर फॉल आर्मी बर्म के आने की संभावना रहती है I बहुत से किसान इसे टिड्डी दल के नाम से भी जानते है। उन्होंने बताया कि कुछ सालों में देखने को मिला है कि हिमाचल प्रदेश के निचले जिलों जोकि मौसम के लिहाज से गर्म रहते है उनमें एक कीड़ा देखने को मिला जोकि मक्की की फसल को बहुत ज्यादा हानि पह पहुंचता है। उन्होंने बताया कि इस कीट की पहचान यह है कि जब यह कीट बड़ी सुंडी का रूप धारण कर लेता है तो इस अवस्था में इस कीट के सिर पर अंग्रेजी के उलटे “बाई ” आकर का सफेद निसान दिखाई देता है I उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में यह कीट मक्की की पतियों पर छोटे-छोटे छेद करता है और बाद में पतियों के किनारो को छील देता है I यह कीट मुख्यतः मक्की की पत्तियों को खा लेता है और बाद में मक्की के भुट्टे में घुसकर अपना भोजन प्राप्त करता है। उन्होंने बताया कि इस फसल को बचाने किसानों को कृषि विभाग के अधिकारियों से सलाह लेकर समय समय पर कीट नाशक दवाइयों का स्प्रे करके किसान अपनी फसलों को बचा सकता है।