भूगोल विषय को वैकल्पिक
हिमाचल में राज्य सरकार भूगोल कोजल्द ही अनिवार्य विषय बना सकती है। इसके संकेत शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि भूगोल विषय को वैकल्पिक से अनिवार्य बनाने के लिए राज्य सरकार जल्द कदम उठाएगी। रोहित ठाकुर ने यह बात जियोग्राफिक सोसायटी ऑफ हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल से कही है। यह प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को हिमाचल प्रदेश शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मुलाकात करने पहुंचा था। प्रतिनिधिमंडल की अगवाई कर रहे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग के अध्यक्ष डाक्टर बीआर ठाकुर ने कहा कि भूगोल महत्त्वपूर्ण विषय है, लेकिन ग्याहरवीं और बाहरवीं कक्षाओं में सभी महाविद्यालयों के लिए इसे अनिवार्य नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से कैबिनेट के माध्यम से मजबूत निर्णय लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत और भौगोलिक विविधताओं को देखते हुए पहाड़ी क्षेत्र की समझ को बढ़ाने के लिए भूगोल विषय के महत्त्व को समझना होगा। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना और भूगोल जैसे अति महत्त्वपूर्ण विषय में विद्यालय प्रवक्ताओं और महाविद्यालय सहायक आचार्य के रूप में रोजगार को सृजित करना मुख्य उद्देश्य है। डाक्टर बीआर ठाकुर ने बताया कि भारत की दस विभिन्न जियोग्राफिकल सोसायटी, 35 विधायकों, 23 जिला परिषद, 17 एसएमसी (विद्यालय व महाविद्यालय प्रबंधन समितियों) और 268 ग्राम पंचायत प्रधानों सहित प्रबुद्ध संगठनों ने सर्वसम्मति से पारित प्रस्तावों का एक 381 पृष्ठ का दस्तावेज शिक्षामंत्री को सौंपा है।
रोहित ठाकुर ने कहा कि यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण विषय है और सरकार की तरफ से हर संभव मदद करने और मजबूत निर्णय लेकर इस विषय पर कार्य करने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में मुख्यतौर पर हिमाचल विश्वविद्यालय से डाक्टर रामलाल और शोध छात्रा नैना सांभर ने भाग लिया। जियोग्राफिकल सोसायटी के प्रेस सचिव धीरज ठाकुर ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार इस विषय पर जल्द ही कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री ने भूगोल को अनिवार्य बनाने के रास्ते तलाशने का आश्वासन दिया है।