जिला मुख्यालय में कोई कार्यक्रम तक नहीं हुआ, युद्ध संग्रहालय कमेटी अध्यक्ष बोले, यह प्रशासन की जिम्मेदारी
जिला उपायुक्त डा निपुण जिंदल का तर्क, 26 जनवरी और 15 अगस्त को होता है कार्यक्रम
मोनिका शर्मा, धर्मशाला
रविवार को देश भर में भारतीय सेना दिवस पर सेना की उपलब्धियों को गिनाया गया। मां भारती की रक्षा करने वाले सूरमाओं को नमन किया गया। कांगड़ा जिला के पालमपुर में भी कार्यक्रम हुआ, लेकिन जिला मुख्यालय धर्मशाला में कोई कार्यक्रम न हुआ। इस कारण आम शहरी को यह बात खूब अखरी। वार मेमोरियल धर्मशाला में रोजाना सैकड़ों लोग आते हैं। यहां अमर जवानों के नाम सुनहरी अक्षरों में दर्ज हैं, लेकिन भारतीय सेना दिवस पर न तो वार मेमोरियल कमेटी आयोजन कर पाई, न ही जिला प्रशासन।
इस दिन धर्मशाला में कोई कार्यक्रम नहीं होता है। प्रशासन चाहे तो आयोजन करवा सकता है।
कर्नल केकेएस डढवाल, अध्यक्ष, युद्ध संग्रहालय कमेटी
बयान
जिला प्रशासन 26 जनवरी और 15 अगस्त को शहीद स्मारक में कार्यक्रम का आयोजन करवाता है। सेना दिवस पर यहां कोई कार्यक्रम नहीं होता है
डा निपुण जिंदल, उपायुक्त कांगड़ा
बेहद खास है यह दिन, केएम करियप्पा बने थे पहले अधिकारी
अंग्रेजी शासन के समय भारतीय सेना का गठन हो गया था। उस समय सेना के वरिष्ठ अधिकारी ब्रिटिश हुआ करते थे। 1947 में देश की आजादी के बाद भी सेना के अध्यक्ष ब्रिटिश मूल के ही थे। हालांकि 1949 में आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर के जाने के बाद उनकी जगह एक भारतीय ने ली। लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सैन्य अधिकारी बने। देश के लिए यह मौका खास था और के एम करियप्पा भी।1947 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ तो के एम करियप्पा ने ही भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। वहीं दूसरे विश्व युद्ध में भी करियप्पा शामिल हुए थे। बर्मा में जापानियों को शिकस्त देने के लिए के एम करियप्पा को ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर का सम्मान भी मिला था।
पालमपुर में हुआ कार्यक्रम
सैनिक लीग कार्यालय पालमपुर में रविवार को सेना दिवस व 7वीं डोगरा रेजीमेंट का 58वां स्थापना दिवस मनाया गया। इसमें बड़ी संख्या में 7 डोगरा रेजीमेंट के सेवानिवृत्त अधिकारी, पूर्व सैनिक व परिजन शामिल रहे। कार्यक्रम की शुरुआत 7 डोगरा के कमान अधिकारी रहे सेवानिवृत्त कर्नल बीसी लगवाल ,शौर्य चक्र, तथा सैनिक लीग पालमपुर के अध्यक्ष अधिवक्ता सीडी सिंह गुलेरिया ने संयुक्त रूप से की। कर्नल लगवाल ने 7 डोगरा रेजीमेंट के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 15 जनवरी 1966 में सातवीं डोगरा रेजीमेंट का गठन मेरठ में हुआ था।
इस रेजीमेंट के पहले कमान अधिकारी कर्नल बलबीर सिंह दयाल और सूबेदार मेजर के पद पर सूबेदार मेजर बलबीर सिंह गुलेरिया रहे। उन्होंने बताया कि 58 वर्ष के इतिहास में रेजीमेंट ने भारतीय सेना में अनेकों कीर्तिमान स्थापित किए हैं, वहीं सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व सैनिकों ने बतौर सिविलियन कई उच्च पदों पर प्रशासनिक एवम विभागीय सेवाएं प्रदान कीं। इस दौरान आर्मी की गौरवशाली गाथा को याद किया गया।