भानुपल्ली-बिलासपुर
भानुपल्ली-बिलासपुर रेललाइन में बध्यात से आगे के 10 गांवों की 538.13 बीघा भूमि के अधिग्रहण के लिए सेक्शन 11 की अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना जारी होने के बाद जिला प्रशासन पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन एक्ट के तहत प्लान तैयार कर सरकार को भेजेगा। प्लान की मंजूरी के बाद भूमि अधिग्रहण के लिए आगे की अनुमति मिलने के बाद ही सेक्शन 19, 21 और 23 की अधिसूचना जारी होगी। सेक्शन 23 की अधिसूचना जारी होने के साथ भूमि अधिग्रहण भी हो जाएगा।
भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन के निर्माण के लिए बध्यात से आगे 10 गांवों की 538.13 बीघा भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस जमीन के अधिग्रहण के लिए ग्रामीण तैयार नहीं थे। इसके बाद इन गांवों की सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट (एसआईए) तैयार की गई। पहले इन गांवों में जमीन अधिग्रहण के लिए सेक्शन 8(2) का नोटिस हुआ था। अब सेक्शन 11 की अधिसूचना हुई है। इस परियोजना में नोग, बल्ही बिल्ला, बल्ही झलेड़ा, भराथु, बघड़ी, बैरी रजादियां, खतेड़, भटेड़ उपरली, बरमाणा और बध्यात से पीछे के एक गांव मंडी की जमीन का अधिग्रहण होना है।
गांव नोग में 60.6 बीघा, बहली बिल्ला में 21.9 बीघा, बहली झलेड़ा में चार बीघा, भराथू में करीब 24 बीघा, बघड़ी में 22.9 बीघा, बैरी रजादियां में सात विस्वा, खतेड़ में 210.2 बीघा, भटेड़ उपरली में 104.5 बीघा, बरमाणा में 91.8 बीघा और मंडी में चार बिस्वा भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है। परियोजना में बध्यात से पीछे अभी तक 20 गांवों की करीब 125 बीघा भूमि के अधिग्रहण पर पेच है। इस भूमि की भी एसआईए स्टडी पूरी हो चुकी है। इसका अधिग्रहण भूमि अधिग्रहण अधिनियम के अनुसार ही होगा। इस बीच, यदि कोई भूमि मालिक आपसी सहमति से जमीन देने को तैयार होता है तो उसका अधिग्रहण मोल भाव से होगा। बध्यात से आगे सबसे अधिक भूमि का अधिग्रहण खते गांव में होना है।
यहां परियोजना का मुख्य स्टेशन बनेगा। अधिसूचना जारी होने के बाद जिला प्रशासन इन गांवों का आरएंडआर प्लान तैयार करेगा। इसमें प्रशासनिक अधिकारी मौके पर जाकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे। जो आपत्तियां होंगी, उनकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। आरएंडआर प्लान को मंजूरी मिलने के बाद आगे की दो अधिसूचनाएं जारी होंगी। अंतिम अधिसूचना सेक्शन 23 के साथ जमीन अधिग्रहण कर लिया जाएगा। संभावना है कि इस वर्ष अंत तक पूरी परियोजना की जमीन का अधिग्रहण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य मार्च 2025 रखा गया है।