मोनिका शर्मा, धर्मशाला
कभी उत्तर भारत के लिए रेशम का केंद्र बनी नूरपुर सिल्क मिल फिर से अपना जलवा बिखेरने के लिए तैयार है। नूरपुर में बौड़ के निकट इस मिल में सिल्क से बनी साडिय़ां, टोपी, जैकेट व धागे देश-दुनिया में हिमाचल को चमकाते नजर आएंगे। इस मिल को रिवाइव करने का काम तेज हो गया है। उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर के प्रयासों से यह मुहिम आगे बढ़ रही है। निफ्ट कांगड़ा को हिमाचल प्रदेश जनरल इंडस्ट्री कारपोरेशन ने डीपीआर बनाने का काम दिया था। निफ्ट द्वारा तैयार 11 करोड़ की डीपीआर पर आगे की प्रोसेस शुरू हो गई है। इसके तहत पांच साल के लिए दो फेज बनाए गए हैं।
पहले फेज में तीन साल तक सिल्क मिल की पुरानी मशीनरी को सुधारा जाना है। इसमें आउटसोर्स पर कई तैनातियां भी की जाएंगी। अगले दो साल के फेज में इसकी ब्रांडिंग पर काम होगा। इसमें नए डिजाइन पर काम होगा। निफ्ट कांगड़ा ने उद्योग विभाग व सरकार के पास अपनी प्रजेंटेशन दी है। इस प्रेजेंटेशन से काफी उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि इस मिल का दायरा बढ़ाने से लेकर ब्रांडिंग तक के काम में लोकल से लेकर बाहरी कारोबारियों को जोड़ा जाने वाला है। इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में एमडी इंस्स्ट्री राकेश प्रजापति का अहम रोल रहा है।
1964 में हुई थी स्थापना
नूरपुर रेशम मिल की स्थापना 1964 में पंजाब सरकार ने उत्तर भारत के लिए रेशम केंद्र के रूप में की थी। साल 1969 में इसे हिमाचल सरकार के हवाले कर दिया था। इस मिल ने कई उतार चढ़ाव देखे हैं। अब इस मिल को नए सिरे से संवारने के प्रयास किए जा रहे हैं।
निफ्ट कांगड़ा ने अपनी प्रेजेंटेशन दी है। चरणबद्ध तरीके से नूरपुर सिल्क मिल को नए सिरे से रिवाइव किया जा रहा है। विभाग इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है
राकेश प्रजापति, एमडी, एचपीजीआईसी
प्रदेश की जयराम सरकार ने नूरपुर सिल्क मिल को संवारने के लिए एक सपना संजोया है। यह सपना जल्द साकार होने जा रहा है
बिक्रम ठाकुर, उद्योग मंत्री