बस चंद घंटों की देरी
चेन्नई। भारतीय चंद्र मिशन चंद्रयान-3 बुधवार को चंद्रमा पर उतरने के लिए तैयार है। चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है और चंद्रयान लैंडर मॉड्यूल (एलएम) 23 अगस्त की शाम छह बजकर 04 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर उतरेगा।
अब तक मिशन पूरी तरह से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और सभी की निगाहें अब लैंडिंग पर हैं, जो सफल होने पर भारत को उन देशों के विशिष्ट समूह में शामिल कर देगा, जिनमें अमरीका, रूस और चीन शामिल हैं।
इसरो वैज्ञानिक आधी रात से ही चंद्रयान-3 मिशन पर नजऱ रख रहे हैं। गौरतलब है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग से कुछ ही घंटे पहले इसरो ने एक मील का पत्थर हासिल किया जब ऑर्बिटर ले जाने वाले चंद्रयान-2 ने कल चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) का औपचारिक स्वागत किया।
चंद्रयान-2 ऑर्बिटर चंद्रयान-3 लैंडर के साथ इसरो के लिए बैकअप संचार चैनल होगा। इसरो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि चंद्रयान-3 मिशन आपका स्वागत है दोस्त। सीएच-2 ऑर्बिटर ने औपचारिक रूप से सीएच-3 एलएम का स्वागत किया। इसरो ने 2019 में कहा था कि सटीक प्रक्षेपण और कक्षीय युद्धाभ्यास के कारण चंद्रयान -2 ऑर्बिटर का मिशन जीवन सात साल तक बढ़ गया था।
22 जुलाई, 2019 को प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान -2 मिशन में चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव का पता लगाने के लिए एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल थे। चंद्रयान-2 को जुलाई 2019 में लांच किया गया था और रोवर ले जा रहा लैंडर सितंबर 2019 में लैंडिंग साइट के बहुत करीब एक तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे मिशन 99.99 प्रतिशत सफल रहा।
इसरो ने सोमवार को चंद्रयान-3 की लैंडिंग से पहले, लैंडर हैजर्ड़ डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरा (एलएचडीएसी) द्वारा ली गई