बद्दी की आबोहवा
बद्दी की आबोहवा में जहर घुल रहा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स मोडरेट केटेगिरी में पहुंच गया है। रविवार को बद्दी का 163 और बरोटीवाला का 103 और पांवटा साहिब का 114 एयर क्वालिटी इंडेक्स रहा। धर्मशाला का सबसे कम 27, मनाली का 41, शिमला का 48 और सुंदरनगर का 34 आंका गया। कालाअंब, नालागढ़, ऊना और परवाणू का क्वालिटी इंडेक्स सेटेस्फेक्टरी जोन में पाया गया। अगर 50 से नीचे एयर क्वालिटी इंडेक्स रहता है तो उसे गुड की श्रेणी में माना जाता है। 50 से 100 तक सेटेस्फेक्टरी और 100 से 200 तक मोडरेट श्रेणी में आता है। 200 से 300 तक पुअर श्रेणी में माना जाता है।
बद्दी में हवा में धूल (पीएम-10) की मात्रा भी 195 पहुंच गई जबकि 100 से अधिक नहीं होनी चाहिए। बरोटीवाला की 104 रही। बद्दी और बरोटीवाला में उद्योग बिना किसी योजना से बनाए गए हैं। पैकेज आने के बाद 2003 में जिसे जहां पर जमीन मिली, वहीं पर उद्योग लगा दिए गए। कहने को प्रदूषण बोर्ड ने सभी उद्योग दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लागए हैं, लेकिन यह चलते नहीं हैं। केवल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान ही चलते हैं।
दून भाजपा के उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार कौशल ने बताया कि बद्दी में जल और हवा का प्रदूषण दिन प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है। यहां पर पंंजाब के लुधियाना जैसे हालात हो रहे हैं। उन्होंने प्रदूषण बोर्ड से आग्रह किया है कि जो कंपनियां सीवरेज और गंदे पानी की नाली में दूषित पानी छोड़ रही हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उधर, प्रदूषण बोर्ड के सहायक अभियंता पवन चौहान ने बताया कि बोर्ड की ओर से उद्योगों में समय समय पर औचक निरीक्षण किया जाता है और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाती है। अभी तक उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।