प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामले पर अपना फैसला सुनाया। न्यायधीश विवेक सिंह ठाकुर ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि एक ही उद्देश्य के लिए भूमि का अधिग्रहण करने पर भूमि का एक ही मूल्य तय किया जाएगा। अदालत ने गुजरात अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री दाड़लाघाट की ओर से भूमि अधिग्रहण के मामले का निपटारा करते हुए यह निर्णय सुनाया।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामले में अहम निर्णय सुनाया है। न्यायधीश विवेक सिंह ठाकुर ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि एक ही उद्देश्य के लिए भूमि का अधिग्रहण करने पर भूमि का एक ही मूल्य तय किया जाएगा। अदालत ने गुजरात अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री दाड़लाघाट की ओर से भूमि अधिग्रहण के मामले का निपटारा करते हुए यह निर्णय सुनाया। अदालत ने कहा की भूमि के वर्गीकरण के आधार पर अधिग्रहित भूमि का बाजार मूल्य तय नहीं किया जा सकता है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब भूमि का अधिग्रहण एक ही उद्देश्य के लिए किया जाता है तो उस स्थिति में भूमि का वर्गीकरण के आधार पर मूल्य देना प्रासंगिक नहीं है।
भूमि अधिग्रहण अधिकारी ने अधिग्रहित भूमि के वर्गीकरण के आधार पर मुआवजा प्रदान किया था जिसमें बाखल, अव्वल, दोयम बंजर और कदीम के लिए अलग-अलग बाजार मूल्य तय किया गया था। अदालत ने कहा कि भूमि का उचित मूल्य तय करने के लिए बिक्री विलेख के दस्तावेजों का सहारा लिया जाना उचित है। बिक्री विलेख के तहत दोनों पक्ष आपसी बातचीत से भूमि का मूल्य तय करते हैं और निश्चित रूप से भूमि अधिग्रहण अधिकारी को इस तरह के दस्तावेज के आधार पर अधिग्रहित भूमि का मूल्य तय किया जाना चाहिए।