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प्रदेश में अब क्षय रोगियों को पहली बार चलते-फिरते अस्पताल से इलाज की सुविधा मिलेगी

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प्रदेश में अब क्षय

देश में अब क्षय रोगियों को पहली बार चलते-फिरते अस्पताल से इलाज की सुविधा मिलेगी। इस मोबाइल वैन की सुविधा का फायदा सीधे तौर पर टीबी रोगियों को मिलेगा। प्रदेश के जिला सोलन से इसकी शुरुआत कर दी गई है। गांव स्तर पर मोबाइल वैन को जांच के लिए भेजा जा रहा है। इससे जहां गांव में संदिग्ध क्षय रोगियों की आसानी से पहचान हो सकेगी। वहीं मौके पर ही उनके सैंपल लेकर जांच की जाएगी। पॉजिटिव आने पर इन संदिग्ध मरीजों का समय पर उपचार भी हो सकेगा। इससे क्षय रोगियों को बार-बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का रुख नहीं करना पड़ेगा और दवाइयों के लिए भी इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा।

]सोलन में मोबाइल वैन चलाने का फैसला जिला कार्यक्रम अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. एके सिंह ने लिया है। इसकी उच्चाधिकारियों ने भी सरहाना की है। इस वैन के चलाने से टीबी मुक्त हिमाचल अभियान में भी महकमे को फायदा मिलेगा। खास बात यह है कि इस चलते-फिरते अस्पताल में चिकित्सक समेत तकनीकी स्टाफ भी तैनात किया गया है। जो मरीज की जांच के बाद मौके पर ही दवा भी देंगे। इस मोबाइल अस्पताल की सफलता के बाद अन्य जिलों में भी इसी तरह का अस्पताल चलेगा। गौर रहे कि देश और प्रदेश को इन दिनों टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य महकमे की ओर से कार्य किया जा रहा है।

केंद्र सरकार का भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए 2025 का लक्ष्य रखा है। वहीं प्रदेश ने 2024 का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए महकमे ने गांव स्तर तक टीमों की तैनाती की है। वहीं एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान भी चला हुआ है। इसी के साथ अब अभियान में मोबाइल वैन को भी जोड़ दिया है। वैन में होगी सूक्ष्मदर्शी से बलगम जांच इस मोबाइल वैन में सैंपल जांच के लिए लैब भी बनाई गई है। इस लैब में सूक्ष्मदर्शी बलगम जांच की जाएगी। जिससे करीब आधा घंटे बाद संदिग्ध मरीजों को रिपोर्ट भी मिलेगी। इससे जांच में भी कम समय लगेगा और मरीजों को बीमारी का भी जल्द पता लग जाएगा।

इसी के साथ मरीजों को घरद्वार पर जांच सुविधा मिलने से बलगम जांच के लिए सैंपल अस्पताल नहीं ले जाने पड़ेंगे। इससे पहले मरीजों को संदेह होने पर बलगम सैंपल जांच के लिए अस्पताल ले जाने पड़ते थे। इन बीमारियों के लिए भी मिलेगा फायदा क्षय रोग के अलावा मधुमेय, उच्च रक्त चाप, थायरॉइड, मानसिक तनाव समेत नशे को रोकने के लिए भी टीम जागरूक करेगी। इस वैन में चिकित्सक डॉ. अपूर्वा, तकनीशियन मोनिका और हिमांशु कार्य कर रहे हैं। टीम की ओर से बकायदा रोस्टर पर कार्य किया जा रहा है। जिले में चलते-फिरते टीबी अस्पताल की सुविधा देनी शुरू कर दी है। गांव स्तर के लोगों को इसका फायदा मिलेगा और संदिग्ध मरीजों को मौके पर जांच की सुविधा मिलेगी। वहीं जांच के बाद मौके पर ही दवाइयां भी वितरित की जाएंगी। यह वैन पूरे जिला में चलाई जाएगी। इसके लिए रोस्टर भी बनाया गया है। -डॉ. एके सिंह

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