पुलों के गिरने के बाद
हिमाचल प्रदेश में वाहन योग्य पुलों की जांच की जाएगी। चंबा और हमीरपुर में पुलों के गिरने के बाद लोक निर्माण विभाग ने पुलों की जांच करने का फैसला लिया है। पुलों की गुणवत्ता को लेकर विभाग ने जिलों के लिए अलग-अलग टीमें गठित की हैं। अगर पुल निर्माण में कोई खामी पाई जाती है तो संबंधित ठेकेदार व इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, चंबा और हमीरपुर में पुल गिरने की जांच रिपोर्ट भी सरकार को सौंप दी गई है। इन पुलों के गिरने में तकनीकी खामियां उजागर हुई हैं। शटरिंग हटाते वक्त एक पुल का हिस्सा नीचे गिर गया था। चंबा के भरमौर और होली मार्ग पर दो पुल गिरे थे।
इसके अलावा पूर्व में चंबा में ही रावी नदी पर बना एक अन्य पुल धराशायी हुआ था। मंडी के धर्मपुर और जोगेंद्रनगर को जोड़ने वाले ब्यास नदी पर बने सांढापतन पुल में भी दरारें आने का मामला सामने आया था। अब भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो, इसके चलते विभाग ने पांच करोड़ से अधिक लागत के निर्माण की जांच का फैसला लिया गया है। पुलों की जांच के मामले में मुख्य अभियंता दो, अधीक्षण अभियंता तीन और अधिशासी अभियंता अपने क्षेत्र के सभी पुलों की नियमित जांच करेंगे।
इंजीनियर इन चीफ (प्रमुख अभियंता प्रोजेक्ट) जांच के बाद आने वाली रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ (प्रोजेक्ट) दीपक शर्मा ने कहा कि हिमाचल में नए और पुराने सभी पुलों की जांच होगी। गुणवत्ता को लेकर यह निर्देश दिए गए हैं। हिमाचल में पुल बनने के दौरान इंजीनियर को मौके पर रहना अनिवार्य किया गया है। लोक निर्माण विभाग के फील्ड में तैनात अधिशाषी अभियंता, अधीक्षण अभियंता को भी पुलों की जांच के लक्ष्य दिए गए हैं।