परिवहन विभाग
हिमाचल प्रदेश के हजारों टैक्सी और बस ऑपरेटरों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने एसटीए (राज्य परिवहन प्राधिकरण) का गठन किए बिना ही अधिकारियों की कमेटी गठित कर लंबित टैक्सी और बस परमिट जारी करने के आदेश जारी किए हैं। एसटीए और आरटीए के लिए सरकार की ओर से गैर सरकारी सदस्यों को मनोनीत किया जाता है। यह प्रक्रिया अभी तक लंबित है। मौजूदा समय में प्रदेश भर में टैक्सियों के करीब 3000 और बसों के 250 परमिट लंबित हैं। बेरोजगार लोगों ने बैंकों से ऋण लेकर टैक्सियां खरीदी हैं, लेकिन बिना परमिट चल नहीं पा रही।
बैंकों की किस्तें चुकाना मुश्किल हो रहा है। टैक्सी परमिट के लिए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों के माध्यम से परिवहन विभाग को किए गए ऑनलाइन आवदेन लंबित हैं। राज्य परिवहन प्राधिकरण और क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण का गठन न होने से परिवहन विभाग में निजी बस ऑपरेटर के कार्य बाधित हो रहे हैं। निजी बस ऑपरेटर के अधिकतर मामले क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण एवं राज्य परिवहन प्राधिकरण के समक्ष रखे जाते हैं, लेकिन दोनों प्राधिकरण का गठन न होने के कारण निजी बस ऑपरेटर परेशानी झेल रहे हैं। कुछ ऑपरेटरों ने अपनी बसें रूट परमिट सहित बेच दी हैं, लेकिन बस का रूट परमिट दूसरे के नाम हस्तांतरित नहीं हो पा रहा। रूट परमिट हस्तांतरित करने के लिए प्रस्ताव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के समक्ष रखा जाता है।
क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण रूट परमिट हस्तांतरण की अनुमति देती है। इसके अतिरिक्त कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों के परमिट का मामला राज्य परिवहन प्राधिकरण के समक्ष रखा जाता है, लेकिन प्राधिकरण का गठन न होने के कारण अनेकों मामले परिवहन विभाग के पास लंबित हैं। अधिकारियों के स्तर पर कमेटी गठित होने के बाद लंबित परमिट जारी होने से हजारों लोगों को राहत मिलेगी। अधिकारियों की कमेटी निपटाएगी लंबित आवेदन : मुकेश जब तक एसटीए और आरटीए गठित नहीं होती, लोगों की सुविधा के लिए अधिकारियों के स्तर पर कमेटी गठित कर लंबित कार्य निपटाने के निर्देश दिए गए हैं। 10 दिन के भीतर कमेटी गठित होगी और प्राथमिकता के आधार पर आवेदकों को परमिट जारी होंगे।- मुकेश अग्निहोत्री, उप मुख्यमंत्री