मोनिका शर्मा, धर्मशाला । हिमाचल में विधानसभा चुनावों से पहले टिकट की लड़ाई तेज हो गई है। सबसे ज्यादा रोचकता कांग्रेस में है। दिग्गज कांग्रेस नेता एवं ओबीसी से संबंध रखने वाले चौधरी हरभजन सिंह इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। उनके समर्थक सोशल मीडिया पर उनकी दावेदारी को लेकर उत्साहित हैं।
चौधरी हरभजन ने धर्मशाला से टिकट के लिए आवेदन किया है। वह ग्रास रूट से लेकर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। यही कारण है कि चुनावों से पहले उनके समर्थक उनको लेकर कई तरह की पोस्ट कर रहे हैं। गौर रहे कि पिछले उपचुनाव में धर्मशाला विधानसभा हलके में भाजपा-कांग्रेस की टक्कर के बीच आजाद प्रत्याशी राकेश चौधरी ने करीब 17 हजार वोट हासिल किए थे। उसके बाद राकेश चौधरी अब आप मेें शामिल हो गए हैं।
ऐसे में अब भाजपा और कांग्रेस चौधरी समुदाय से लेकर पूरे ओबीसी पर फोकस कर रही है। भाजपा ने ओबीसी को साधते हुए मंडलाध्यक्ष अनिल चौधरी को बनाया है। वह निचले इलाके की अंतिम पंचायत से हैं। ऐसे में अब कांग्रेस से चौधरी समुदाय व ओबीसी ऐसे मूव की उम्मीद कर रहे थे। इसी बीच पता चला है कि कांग्रेस के इंटरनल सर्वे में चौधरी हरभजन सिंह का नाम उछला है।
चौधरी हरभजन कांग्रेस के धर्मशाला से सीनियर लीडर हैं। उनकी ग्रामीण व शहरी एरिया में अच्छी पकड़ है। ऐसे में पार्टी उनके नाम पर विचार कर रही है। वह कांग्रेस में मौजूदा समय में ओबीसी विभाग के प्रदेश महासचिव पद पर हैं। तर्क है कि उपचुनाव में निचले इलाकों में कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। निचले इलाके चौधरी व ओबीसी बहुत हैं।
इन इलाकों के वोटर्ज ने दिल खोलकर ओबीसी से ताल्लुक रखने वाले कैंडीडेट को वोट किया था। धर्मशाला में ओबीसी से कांग्रेस का बड़ा सहारा है। निचले इलाके की सैकेंड लास्ट पंचायत बगली के रहने वाले चौधरी हरभजन सिहं साल 2011-16 तक जिला परिषद सदस्य रह चुके हैं। इससे पहले साल 2009 से 2012 तक युवा कांगे्रस अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा कालेज समय में एनएसयूआई से भी जुड़े रहे हैं।
मौजूदा समय में हरभजन सिंह किसान,मजदूर से लेकर कर्मियों के मसले लगातार उठाते रहते हैं। फोन पर लोगों की समस्याएं लेकर प्रशासन और सरकार के सामने रखते हैं। अब किसकी लाटरी लगेगी, यह तो पार्टियों को तय करना है। आने वाले दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी।