तकनीकी विश्वविद्यालय
प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) कोर्स को पढ़ाने की योजना बनाई है। इसके लिए तकनीकी विश्वविद्यालय ने काम शुरू कर दिया है। इसे बैचलर ऑफ साइंस (बीएस) नाम दिया है। एसटीईएम कोर्स में विद्यार्थी के लिए दोहरी डिग्री का प्रावधान रहेगा। साथ ही मल्टीपल एग्जिट एंड मल्टीपल एंट्री की व्यवस्था रहेगी। एसटीईएम कोर्स में बैचलर-मास्टर इन साइंस के साथ ऑनर्स की डिग्री कर सकते हैं।
कंप्यूटर साइंस, मैनेजमेंट साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रेनफोर्समेंट लर्निंग, डाटा साइंस, बिजनेस एनालिटिक्स एंड सस्टेनेबिलिटी, डेवलपमेंट स्टडीज एंड पब्लिक पॉलिसी विषयों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करना शुरू कर दिया है, इसके लिए विशेषज्ञों की बीओएस (बोर्ड ऑफ स्टडीज) का आयोजन किया गया। बीओएस में तकनीकी विवि के कुलपति प्रो. शशि कुमार धीमान ने दोहरी डिग्री प्रोग्राम के बारे में विशेषज्ञों के समक्ष पाठ्यक्रम तैयार करने का प्रस्ताव रखा। कुलपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत अब स्नातक स्तर के कोर्स का पाठ्यक्रम चार साल के अनुरूप तैयार किया जा रहा है, इसमें मल्टीपल एग्जिट एंड मल्टीपल एंट्री की सुविधा विद्यार्थियों के लिए रहेगी।
एक साल पूरा करने के बाद कोई विद्यार्थी छोड़ेगा, तो उसे अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट, चार सत्र यानी दो वर्ष के बाद छोड़ने वाले को अंडर ग्रेजुएट डिप्लोमा, तीन साल पूरा करने वाले को बैचलर ऑफ साइंस (बीएस) की डिग्री और चार साल तक की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी को बैचलर ऑफ साइंस (ऑनर्स या रिसर्च ऑनर्स) की डिग्री दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही तकनीकी विवि की शैक्षणिक परिषद की बैठक में एसटीईएम कोर्स को शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। तकनीकी विवि के कुलपति प्रो. शशि कुमार धीमान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सभी कोर्स का पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। अधिकतर कोर्स की बीओएस में पाठ्यक्रम को नए तरीके से शुरू करने की योजना बनाई गई है। इसे शैक्षणिक परिषद में स्वीकृति दी जाएगी। इसके अलावा विद्यार्थियों भारतीय एवं मानवीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा को भी सभी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इसके विद्यार्थियों को दो क्रेडिट मिलेंगे। इस मौके पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड के निदेशक प्रो. ललित अवस्थी, तकनीकी विवि के अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो. जयदेव सहित अन्य विशेषज्ञ मौजूद रहे।